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दहशत का तानाबाना कमजोर पड़ते ही निपट गया मुन्ना बजरंगी

करीब एक साल से मुन्ना अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा बेचैन रहने लगा था। झांसी से पहले मुन्ना सुलतानपुर जेल में बंद था।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 09:08 AM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 09:08 AM (IST)
दहशत का तानाबाना कमजोर पड़ते ही निपट गया मुन्ना बजरंगी
दहशत का तानाबाना कमजोर पड़ते ही निपट गया मुन्ना बजरंगी

खनऊ [आलोक मिश्र]। प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी का दहशत का समीकरण दो साल से कमजोर पडऩे लगा था। उसे खुद भी करीब एक साल से खतरे का आभास था। कभी आतंक का पर्याय रहे मुन्ना बजरंगी का हाल भी वही हुआ, जैसा उसने दूसरों के साथ करके अपराध की दुनिया में पांव जमाए थे। दिल्ली पुलिस ने करीब सात लाख के इनामी बदमाश मुन्ना को वर्ष 2009 में मुंबई के मलाड से गिरफ्तार किया था।

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पुलिस फाइल में मुन्ना इंटरस्टेट गैंग नंबर 233 था। लखनऊ के विकासनगर में सात मई, 2016 को मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह व उसके दोस्त संजय मिश्रा को बाइक सवार बदमाशों ने स्वाचालित असलहों से ताबड़तोड़ गोलियां दागकर छलनी कर दिया था। इस दोहरे हत्याकांड के पीछे मुन्ना का जेल में बंद एक बाहुबली विधायक से लेनदेन को लेकर हुआ मनमुटाव भी माना जा रहा था।

हालांकि पुलिस व एसटीएफ इस हत्याकांड का राजफाश नहीं कर सकी थी। पुष्पजीत ही मुन्ना के काले कारोबार का हिसाब-किताब रखता था। साले की हत्या के बाद मुन्ना कमजोर पडऩे लगा था। दो दिसंबर, 2017 को लखनऊ में ही मुन्ना के करीबी ठेकेदार तारिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोमतीनगर क्षेत्र में हुए इस हत्याकांड से भी पुलिस पर्दा नहीं उठा सकी। इन दो वारदात के बाद मुन्ना को उसके कुछ लोगों के खास निशाने पर होने का आभास हो गया था।

करीब एक साल से मुन्ना अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा बेचैन रहने लगा था। झांसी से पहले मुन्ना सुलतानपुर जेल में बंद था। जेल रिकार्ड के अनुसार मुन्ना बजरंगी आखिरी बार 11 मई, 2017 को दिल्ली की 30 हजारी कोर्ट में पेशी पर गया था। तब वह झांसी जेल से पेशी पर दिल्ली ले जाया गया था और मुन्ना को एक रात बागपत जेल में बंद रखा गया था।

मुख्तार व बृजेश से था टकराव

मुन्ना बजरंगी ने बीते दिनों वाराणसी व पूर्वांचल के कुछ ऐसे व्यापारियों से रंगदारी मांगी थी, जो मुख्तार अंसारी से जुड़े हैं। सूत्रों के मुताबिक इन व्यापारियों की शिकायत पर बाहुबली विधायक ने फोन पर मुन्ना से बात भी की थी लेकिन, मुन्ना ने दो टूक जवाब दे दिया था। पहले कभी मुख्तार से जुड़े रहे मुन्ना के इस रवैये से दोनों के बीच दूरियां बढ़ गई थीं। कुछ अन्य बातों को लेकर भी मुख्तार व मुन्ना में मतभेद बढ़ गए थे। वाराणसी जेल में बंद एक बाहुबली एमएलसी ब्रजेश सिंह से भी मुन्ना की रंजिश थी। दोनों शुरुआत से ही एक-दूसरे के खिलाफ थे।

विक्की के साथ रुका था मुन्ना

करीब एक साल पहले मुन्ना को जब बागपत जेल में रखा गया था, तब वह वहां बंद अपराधी विक्की सुनहरा के साथ रुका था। तभी से मुन्ना की विक्की से पहचान हो गई थी। रविवार को जब मुन्ना को झांसी जेल से बागपत ले जाया गया, तब उसे एक नंबर तनहाई बैरक में रखा गया। रविवार को भी मुन्ना की मुलाकात बागपत जेल की तनहाई बैरक में बंद विक्की से हुई थी। 10 नंबर तनहाई बैरक में कुख्यात सुनील राठी बंद था। एक से 10 नंबर तक तनहाई बैरक कतार में बनी हैं। 


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