एमसीआई की रोक वाली 400 सरकारी एमबीबीएस सीटों को बचाने में जुटी यूपी सरकार
भारतीय चिकित्सा परिषद ने बांदा, सहारनपुर, जालौन व आजमगढ़ की 400 राजकीय तथा निजी मेडिकल कॉलेजों की 1700 निजी सीटें भी प्रदेश से छीन ली है।
लखनऊ (जेएनएन)। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बीते अप्रैल महीने में भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) को अंडरटेकिंग देकर प्रदेश के जिन चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा किया था, वह पूरा न हो पाने का खामियाजा अब प्रदेश में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे युवाओं को भुगतना पड़ेगा। बांदा, सहारनपुर, जालौन व आजमगढ़ के राजकीय तथा कई जिलों के निजी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों से लेकर संसाधनों तक की कमी ने एमबीबीएस की 400 राजकीय सीटों के साथ 1700 निजी सीटें भी प्रदेश से छीन ली है।
एमसीआइ के निरीक्षण के दौरान प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों के साथ एक दर्जन निजी मेडिकल कॉलेजों में भी खामियां मिली थीं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी जहां सबसे बड़ी समस्या थी, वहीं नर्सिंग स्टाफ व सीटी स्कैन मशीन जैसे उपकरणों की कमी भी चिकित्सा शिक्षा तंत्र के मानकों के अनुरूप नहीं थी। इन कमियों पर एमसीआइ के रुख का अंदाजा भी प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा अधिकारियों को था।
इसी वजह से प्रदेश की ओर से बीते अप्रैल में एमसीआइ को अंडरटेकिंग देकर चारों राजकीय मेडिकल कॉलेजों की खामियां दूर करने का दावा किया गया था।हालांकि एमसीआइ ने इस अंडरटेकिंग को नहीं माना और कड़ा निर्णय लेते हुए चारों राजकीय मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई की अनुमति देने से ही इन्कार कर दिया। दूसरी तरफ चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैैं,
जबकि एमसीआइ से दाखिले की अनुमति न मिलने का प्रमुख कारण भी शिक्षकों की कमी ही है। डॉ.गुप्ता ने दावा किया कि काउंसिलिंग के जरिए दाखिलों से पहले चारों मेडिकल कॉलेजों का मामला एमसीआइ से सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने चारों राजकीय मेडिकल कॉलेजों की सभी 400 सीटों पर फिर से दाखिले की अनुमति मिलने की उम्मीद जताई है।
कम हुईं यह सीटें
एमसीआइ ने बांदा, सहारनपुर, जालौन व आजमगढ़ के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में से प्रत्येक की 100 सीटों पर जहां दाखिलों की अनुमति नहीं दी है, वहीं निजी कॉलेजों में ऐसी सीटों की संख्या 1700 है। इसमें एफएच मेडिकल कॉलेज फीरोजाबाद, जीएस मेडिकल कॉलेज हापुड़, केडी मेडिकल कॉलेज, वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज गजरौला, सरस्वती मेडिकल कॉलेज उन्नाव, ग्लोबल मेडिकल कॉलेज सहारनपुर, प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ, वरुणार्जुन मेडिकल कॉलेज शाहजहांपुर, कृष्णमोहन मेडिकल कॉलेज मथुरा, मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बाराबंकी, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ व सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ की सीटें शामिल हैं।
नीट यूजी काउंसिलिंग 19 से
एमबीबीएस कक्षाओं में प्रवेश के लिए नीट यूजी काउंसिलिंग 19 जून से शुरू होगी, जबकि दाखिलों की प्रक्रिया अगस्त तक चलेगी।
पहला राउंड
ऑनलाइन पंजीकरण- 19 से 25 जून
मेरिट लिस्ट- 25 जून
अभिलेखों का सत्यापन- 26 से 30 जून
ऑनलाइन च्वाइस फिलिंग- दो से पांच जुलाई
परिणाम- पांच जुलाई
आवंटन पत्रों की डाउनलोडिंग- छह से 11 जुलाई
प्रवेश लेने का समय- छह से 12 जुलाई
दूसरा राउंड
ऑनलाइन पंजीकरण- 13 से 16 जुलाई
मेरिट लिस्ट- 16 जुलाई
अभिलेखों का सत्यापन- 17 से 20 जुलाई
ऑनलाइन च्वाइस फिलिंग- 24 से 26 जुलाई
परिणाम- 26 जुलाई
आवंटन पत्रों की डाउनलोडिंग- 27 जुलाई से दो अगस्त
प्रवेश लेने का समय- 27 जुलाई से तीन अगस्त
मॉपअप राउंड
ऑनलाइन पंजीकरण- 30 जुलाई से दो अगस्त
मेरिट सूची- दो अगस्त
राजकीय मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में प्रवेश- चार अगस्त
निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश- पांच व छह अगस्त
निजी क्षेत्र के डेंटल कॉलेजों में प्रवेश- सात व आठ अगस्त
निजी क्षेत्र की रिक्त सीटों पर अभ्यर्थियों की सूची- 13 अगस्त
निजी क्षेत्र के मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में प्रवेश की अंतिम तिथि- 18 अगस्त