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उन्नाव में जघन्य घटना के बाद DGP ओपी सिंह ने दिया दुष्कर्म पीड़िताओं की सुरक्षा की समीक्षा का निर्देश

physical abuse victim burnt in Unnao दुष्कर्म पीड़िताओं की सुरक्षा को लेकर बार-बार कड़े निर्देशों के बावजूद एक बार फिर पुलिस की कार्रवाई कठघरे में है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 10:58 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 08:32 AM (IST)
उन्नाव में जघन्य घटना के बाद DGP ओपी सिंह ने दिया दुष्कर्म पीड़िताओं की सुरक्षा की समीक्षा का निर्देश
उन्नाव में जघन्य घटना के बाद DGP ओपी सिंह ने दिया दुष्कर्म पीड़िताओं की सुरक्षा की समीक्षा का निर्देश

लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव में गुरुवार को दुष्कर्म पीड़ित युवती को जलाए जाने की जघन्य घटना के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने दुष्कर्म पीड़िताओं की सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा नए सिरे से किए जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में जल्द इसकी समीक्षा कर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ गवाहों की सुरक्षा के लिए बनी स्कीम के तहत भी सभी मामलों का रिव्यू करने का निर्देश भी दिया है।

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गुरुवार को उन्नाव जिले में दुष्कर्म का मुकदमा वापस न लेने पर आरोपितों व उनके परिजनों ने पीड़िता को जिंदा जला दिया। गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता को उत्तर प्रदेश सरकार ने एयर एंबुलेंस से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल भेजा है। चिकित्सकों का कहना है कि पीड़िता 90 प्रतिशत जली है। घटना पर मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद पुलिस ने पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। मंडलायुक्त ने पूरी घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की है। 

मुख्यमंत्री गंभीर, कड़ी कार्रवाई के निर्देश

मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ ने इस जघन्य घटना को गंभीरता से लेते हुए आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने घायल पीड़िता को सरकारी खर्च पर हर संभव चिकित्सा सुविधा प्रदान किए जाने का निर्देश भी दिया है। मुख्यमंत्री ने उन्नाव के डीएम व एसपी को आरोपितों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मंडलायुक्त लखनऊ व आइजी लखनऊ रेंज को तत्काल उन्नाव जाकर पूरे प्रकरण की जांच कर आख्या मांगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोपितों को न्यायालय से सजा दिलाने के लिए कोर्ट में प्रभावी दंड दिलाने के लिए भी हर संभव कार्रवाई की जाए।

टॉप 25 केसों की मानीटरिंग करेंगी एडीजी अंजू गुप्ता

उन्नाव में हुई घटना के बाद डीजीपी मुख्यालय हरकत में आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उन्नाव में हुई घटना पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने दुष्कर्म के जघन्य प्रकरणों की मानीटरिंग का निर्देश दिया है। डीजीपी ने बताया कि दुष्कर्म के ऐसे 25 सर्वाधिक संवेदनशील मामलों को चिह्नित किया जा रहा है, जिनका ट्रायल कोर्ट में चल रहा है। एडीजी वूमेन पावर लाइन (1090) अंजू गुप्ता सभी टॉप 25 केसों की मानीटरिंग करने के साथ ही दुष्कर्म पीड़िताओं की काउंसिलिंग करेंगी, जिससे उन्हें समुचित सुरक्षा व मदद उपलब्ध कराई जा सके।

दुष्कर्म पीड़िता ने नहीं मांगी थी सुरक्षा

दुष्कर्म पीड़िताओं की सुरक्षा को लेकर बार-बार कड़े निर्देशों के बावजूद एक बार फिर पुलिस की कार्रवाई कठघरे में है। वहीं डीजीपी का दावा है कि उन्नाव कांंड की पीड़िता ने पूर्व में कभी सुरक्षा की कोई मांग नहीं की थी। खतरे की कोई आशंका नहीं जताई थी। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरीडोर बनाकर साढ़े छह बजे पीड़िता को दिल्ली भेजा गया है। पीड़िता के बयान के आधार पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें शुभम, हरि शंकर, उमेश व राम किशोर को उन्नाव पुलिस ने गिरफ्तार किया, जबकि आरोपित शिवम ने ने खुद थाने आकर समर्पण किया। इस बीच मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम द्वारा उन्नाव के एएसपी विनोद पांडेय के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय टीम ने जांच शुरू कर दी है। 

केस वापस न लेने पर केरोसिन छिड़ककर आग लगाई

उन्नाव के एक गांव की 25 वर्षीय युवती ने अपने ही गांव के शिवम त्रिवेदी और उसके साथी शुभम त्रिवेदी पर आरोप लगाया था कि 12 दिसंबर 2018 को उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया। कोर्ट और महिला आयोग के निर्देश पर आरोपितों के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हुए थे जिनकी जांच रायबरेली के लालगंज थाने की पुलिस कर रही थी। इसके बाद से आरोपित लगातार मुकदमा वापसी का दबाव बना रहे थे। गुरुवार की भोर पीड़िता बैसवारा रेलवे स्टेशन जा रही थी। गांव से करीब करीब तीन सौ मीटर दूर रास्ते में शिवम त्रिवेदी और उसके साथ कुछ लोगों ने उसे रोका और केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी और भाग निकले। लपटों से घिरी हुई पीड़िता बचाने की गुहार लगाते दौड़ी और गैस एजेंसी गोदाम के बाहर गिर गई। शोर सुन बाहर निकले गार्ड ने आग बुझाकर यूपी 112 पर सूचना दी। पीआरवी युवती को सुमेरपुर सीएचसी ले गई, जहां से उसे जिला अस्पताल और वहां से लखनऊ ले जाकर सुबह साढ़े दस बजे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में भर्ती कराया गया। यहां से उसे एयर एंबुलेंस से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल भेजा गया है।

महिला आयोग ने डीजीपी से तलब की रिपोर्ट

राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाने की घटना में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इसमें पीड़िता के केस दर्ज करवाने की तारीख से अब तक हुई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है। आयोग ने यह भी पूछा है कि पीड़िता को सुरक्षा न देने के लिए किन-किन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। महिला आयोग ने डीजीपी से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ पिछले तीन साल में हुए जघन्य अपराधों और उनमें दी गई जमानतों की रिपोर्ट भी तलब की है। महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने डीजीपी को भेजे पत्र में कहा कि महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए कई कानून बनाने के बावजूद राजधानी लखनऊ में हो रहे महिलाओं के प्रति अपराधों को लेकर आयोग चिंतित है। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जरूरी है राज्य सरकार इस प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट जल्द आयोग को सौंपे।

पीड़िता के बयान व भाई की तरहरीर पर गिरफ्तारी : अवस्थी

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि उन्नाव कांड में दुष्कर्म पीड़िता के बयान व उसके भाई की तहरीर के आधार पर पांच आरोपितों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराई गई है। आरोपित शुभम, हरि शंकर, उमेश व राम किशोर को उन्नाव पुलिस ने गिरफ्तार किया, जबकि आरोपित शिवम ने पुलिस के समक्ष समर्पण किया। उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से उन्नाव के थाना बिहार व रायबरेली के थाना लालगंज में दर्ज कराए गए सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमों में मुख्य आरोपित शिवम को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था, जो वर्तमान में जमानत पर बाहर था। उन्होंने बताया कि पीड़िता का इलाज सरकार के व्यय पर कराया जा रहा है। पीड़िता को लखनऊ के ट्रामा सेंटर लाया गया था। बाद में पीड़िता को हवाई जहाज से इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया है। दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डीएम उन्नाव ने पूरे प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव गृह को सौंपी है।


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