आघात से उबर कर स्वर्णिम यात्रा पर पहुंचा रामजन्मभूमि, भव्य राम मंदिर के साथ दिव्य अयोध्या का भी हो रहा निर्माण
2005 की पांच जुलाई को जब राम मंदिर को बम से उड़ाने की साजिश रची गई थी। रामनगरी ने तब इस षड्यंत्र को नाकाम कर दिया था। घटना की 17वीं बरसी तक रामनगरी ऐसे आघात से उबर कर स्वर्णिम यात्रा पर बढ़ चुकी है।
अयोध्या [रघुवरशरण]। वह 2005 की पांच जुलाई की तारीख थी, जब राम मंदिर को उड़ाने की साजिश रची गई थी। रामनगरी ने तब इस षड्यंत्र को नाकाम कर दिया था। घटना की 17वीं बरसी तक रामनगरी ऐसे आघात से उबर कर स्वर्णिम यात्रा पर बढ़ चुकी है जहां न केवल रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है, बल्कि दिव्य अयोध्या भी निर्मित हो रही है। तब न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा में आस्था का यह महनीय केंद्र जहां का तहां ठिठका हुआ था।
रामजन्मभूमि परिसर की यथास्थिति कायम रखने की कोशिश में गत सवा दशक से लगी बाड़-बैरीकेडिंग जंक खाने लगी थी। इसके बावजूद रामजन्मभूमि पर बने अस्थायी मंदिर को उड़ाने की मंशा से आगे बढ़ रहे आत्मघाती आतंकियों का सफर इसी बैरीकेडिंग में उलझ कर रह गया। परिसर के पास पहुंचते ही आतंकियों की मार्शल जीप में धमाका हुआ और परिसर की बैरीकेडिंग टूट भी गई। एक आत्मघाती ने स्वयं को खत्म करने के साथ परिसर के उत्तरी-पूर्वी कोने की बैरीकेडिंग उड़ाने में सफलता तो हासिल कर ली थी, लेकिन उसके चार साथी परिसर में कुछ कदम ही आगे बढ़ सके थे कि सीआरपीएफ के जवानों की गोलियां उन्हें उनके हश्र तक पहुंचा चुकी थीं।
इस बीच बगल की एक महिला को आतंकियों की गोली से जान जरूर गंवानी पड़ी थी। हालांकि अब उनके परिवारजन दुख की बजाय इस गौरवबोध से युक्त हो चले हैं कि उनकी वजह से आतंकियों का ध्यान भटक गया और आगे बढ़ने से पूर्व उन्हें पुलिस के जवानों की गोली से ढेर हो जाना पड़ा। अयोध्या को भले ही फौरी तौर पर जीत मिली ही, आगे सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो इसका सबक भी मिला।
इसके बाद से रामजन्मभूमि ही नहीं, आसपास तक के क्षेत्र में आने-जाने वालों को सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी से होकर गुजरना होता है। हर वर्ष आतंकी हमले की बरसी के साथ इस सतर्कता का नवीनीकरण भी हो जाता है। इस बार भी ऐसा ही कुछ दिखा। रामजन्मभूमि की ओर जाते सभी मार्ग सख्त निगरानी में रहे। अभी सोमवार को हुई सुरक्षा की स्थायी समिति की बैठक में जन्मभूमि की सुरक्षा व्यवस्था का सीआइएसएफ को आगे रखकर पुख्ता प्लान बनाया गया है। इसे शासन को भेजा गया है।