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UP: लखनऊ में जिंदगी बचाने की जंग जारी, 15 घंटे में 15 लोगों का रेस्क्यू, फोन पर बातचीत, दी जा रहा आक्‍सीजन

Lucknow Building Collapse लखनऊ में अलाया अपार्टमेंट ग‍िरने के बाद शुरु हुआ राहत एवं बचाव कार्य 15 घंटे बाद भी जारी है। मौके पर एसडीआरएफ एनडीआरएफ के जवानों के साथ अब सेना के जवान भी मलबे में दबे हुए लोगों को न‍िकालने में जुटे हुए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Wed, 25 Jan 2023 06:05 AM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2023 10:44 AM (IST)
UP: लखनऊ में जिंदगी बचाने की जंग जारी, 15 घंटे में 15 लोगों का रेस्क्यू, फोन पर बातचीत, दी जा रहा आक्‍सीजन
Lucknow Building Collapse ब‍िल्‍ड‍िंग के मलबे को तोड़कर लोगों को सुरक्ष‍ित न‍िकालने की जंग जारी

लखनऊ, जागरण संवाददाता। Lucknow Building Collapse अलाया अपार्टमेंट मंगलवार शाम 6:46 बजे अचानक जमींदोज हो गई। देखते ही देखते 14 परिवार मलबे में दब गया। चीख-पुकार से इलाके में सन्नाटा पसर गया। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। हादसे की सूचना मिलते ही सभी अस्पतालों और ब्लड बैंक को अलर्ट कर दिया गया। अभी तक 15 लोगों को सुरक्ष‍ित न‍िकाल ल‍िया गया है। सभी को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।  

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घटना के 15 घंटे बाद भी राहत एव बचाव कार्य जारी रहा। मलबे को हटाकर उसमें दबे लोगों को न‍िकालने का प्रयास क‍िया जा रहा है। ड्र‍िल मशीन से एनडीआरएफ की टीम मलबे के टुकड़ों को तोड़ने में जुटी हुई है। ज‍िससे जल्‍द से जल्‍द मलबे में दबे हुए लोगों को सुरक्ष‍ित न‍िकाला जा सके। अंदर दबे हुए लोग फोन से संपर्क में हैं। वहीं उन्‍हें आक्‍सीजन भी दी जा रही है।  

अब तक 15 लोगों को सिविल अस्पताल में कराया गया भर्ती

सिविल अस्पताल में 15 घायलों को भर्ती कराया गया। इसके अलावा दो लोगों का इलाज केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में चल रहा है। हालांकि, सभी खतरे से बाहर हैं। वहीं, लोहिया संस्थान में भी अतिरिक्त डाक्टरों को ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया था। लेकिन, यहां देर रात तक कोई घायल नहीं पहुंचा। सिविल अस्पताल में बेड रिजर्वसिविल अस्पताल के निदेशक डा. आनंद ओझा ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही इमरजेंसी में करीब 40 बेड रिजर्व करा दिए गए थे।

15 डाक्टर और करीब 25 पैरामेडिकल स्टाफ की टीम तैनात

घायलों के इलाज के लिए 15 डाक्टरों और करीब 25 पैरामेडिकल स्टाफ की टीम तैनात थी। उन्होंने कहा, जब हादसा हुआ तो मेरे अलावा ज्यादातर डाक्टर अस्पताल में ही थे। हमारे यहां भर्ती हुए सभी घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है। मुझे लगता है कि इनमें से चार लोगों को तो बुधवार को ही घर भेजा जा सकता है। डा. आनंद ओझा ने कहा, घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए चिकित्सीय स्टाफ की ड्यूटी रातभर के लिए बढ़ा दिया है।

आठ डाक्टरों की एक टीम घटनास्थल पर तैनात

घायलों की मदद के लिए केजीएमयू ने बनाई रेस्क्यू टीमेंहादसे की जानकारी मिलते ही केजीएमयू ने घायलों की मदद के लिए दो रेस्क्यू टीमें गठित की। एक टीम ट्रामा सेंटर में तो दूसरी घटनास्थल के लिए रवाना हुई। ट्रामा प्रभारी डा. संदीप तिवारी के नेतृत्व में आठ डाक्टरों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची। एनडीआरएफ की मदद से दो लोगों को निकालकर डा. संदीप ट्रामा पहुंचे और उन्हें भर्ती कराकर इलाज शुरू कराया। उन्होंने बताया कि दोनों घायलों को ज्यादा चोटें नहीं आई हैं। सीटी स्कैन समेत अन्य जांचें की जा रही हैं। दोनों सुरक्षित हैं।


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