पांच डिग्री कॉलेजों की मान्यता पर लटकी तलवार
कार्रवाई : अस्थायी संबद्धता लेकर चार साल से चल रहे कॉलेजों ने एक-एक, लाख रुपये अर्थदंड नहीं दिया, दोबारा नोटिस जारी कर एक हफ्ते का दिया गया समय, इसके बाद मान्यता होगी वापस
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी। जी हां इस कहावत को राजधानी के पांच डिग्री कॉलेज चरित्रार्थ कर रहे हैं। इन्होंने अस्थाई संबद्धता लेकर बीए, बीकाम व बीबीए कोर्स खोले, लेकिन निर्धारित चार वर्ष में स्थायी संबद्धता नहीं ली। ऐसे में लखनऊ विश्वविद्यालय ने इन्हें एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाकर स्थाई मान्यता लेने के निर्देश दिए। फिलहाल कोर्स चलाने के लिए अस्थाई संबद्धता 2018 के लिए शर्तो के साथ दी गई। इसके बावजूद इन कॉलेजों ने न तो अर्थदंड जमा किया और न ही विश्वविद्यालय से कोई पत्राचार किया।
अब लविवि के उप कुलसचिव संबद्धता रणजीत यादव की ओर से इन कॉलेजों को एक सप्ताह के अंदर अर्थदंड जमा करने के निर्देश दिए गए हैं वरना मान्यता वापस ले ली जाएगी। लविवि प्रशासन का कहना है कि माल के राम दुलारी आलोक कुमार डिग्री कॉलेज ने बीए, अर्जुनगंज विद्या मंदिर डिग्री कॉलेज ने बीए, चिनहट के नर्वदेश्वर डिग्री कॉलेज ने बीबीए व बीकॉम, गंगागंज के राधेश्याम डिग्री कॉलेज ने बीए व बीकॉम और माल के दिव्या सिंह मेमोरियल महिला डिग्री कॉलेज ने बीए की संबद्धता ली थी। इन्होंने निर्धारित चार वर्ष की अवधि में अस्थाई संबद्धता से स्थाई संबद्धता के लिए आवेदन नहीं किया। कार्यपरिषद के निर्देश पर इन्हें जुलाई में पत्र जारी कर एक-एक लाख रुपये अर्थदंड देने के निर्देश दिए गए। कॉलेजों ने अभी तक पत्र का जवाब देना ही मुनासिब नहीं समझा। अब इन्हें दोबारा पत्र भेजा गया है और एक हफ्ते का समय दिया गया है। अगर निर्धारित समय में इन्होंने अर्थदंड जमा नहीं किए तो मान्यता वापस ले ली जाएगी।
पास के दूसरे डिग्री कॉलेजों में शिफ्ट होंगे विद्यार्थी
लापरवाह पांच डिग्री कॉलेजों की अगर मान्यता वापस हो गई तो विद्यार्थियों को आसपास के अन्य डिग्री कॉलेज में समायोजित कर दिया जाएगा। विद्यार्थियों को विकल्प दिया जाएगा कि वह अपने मनमुताबिक कॉलेज में शिफ्ट हों।