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    AESI: अंग्रेजी अध्ययन पर देश का सबसे बड़ा सम्मलेन वाराणसी में, जुटेंगे एईएसआई से जुड़े दिग्गज

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sun, 07 Dec 2025 03:41 PM (IST)

    AESI Seminar in Varanasi: अधिवेशन में 10 तकनीकी सत्र रखे गए हैं। जेएनयू के प्रो. प्रांजनपे कान्फ्रेंस की अध्यक्षता करेंगे, जबकि विधानसभा अध्यक्ष सतीश ...और पढ़ें

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    एसोसिएशन फार इंग्लिश स्ट्डीज आफ इंडिया के महामंत्री प्रो. विकास शर्मा 

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: देश में अंग्रेजी भाषा और साहित्य के उच्च अध्ययन को दिशा देने वाली प्रमुख संस्था एसोसिएशन फार इंग्लिश स्ट्डीज आफ इंडिया ( एइएसआइ) का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन इस वर्ष 10 से 12 जनवरी तक महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में आयोजित होगा। 1930 में स्थापित एसोसियेशन से देशभर के करीब 5,000 विश्वविद्यालय और डिग्री कालेजों के अंग्रेजी शिक्षक जुड़े हैं। यह अधिवेशन अकादमिक संवाद का सबसे बड़ा मंच माना जाता है।

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    एसोसियेशन के महामंत्री प्रो. विकास शर्मा ने बताया कि अधिवेशन में इस बार 400 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें प्रोफेसर, शोधार्थी और अकादमिक विशेषज्ञ बड़ी संख्या में शामिल होंगे, जिससे अंग्रेजी अध्ययन के नए आयामों पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है।

    इस दौरान संस्था की तीन वर्षीय कार्यकारिणी का चुनाव भी होगा, जिसमें चेयरमैन, दो वाइस चेयरमैन, महामंत्री, चार संयुक्त मंत्री, दो संपादक (इंडियन जर्नल आफ इंग्लिश स्ट्डीज), दो कोषाध्यक्ष, एक सांस्कृतिक मंत्री और पांच जोनों नार्थ, ईस्ट, वेस्ट, साउथ व सेंट्रल के समन्वयक चुने जाएंगे।

    अधिवेशन में 10 तकनीकी सत्र रखे गए हैं। जेएनयू के प्रो. प्रांजनपे कान्फ्रेंस की अध्यक्षता करेंगे, जबकि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम न केवल शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि सांस्कृतिक विविधताओं का अनूठा संगम भी प्रस्तुत करेगा।

    इसमें अंग्रेजी नाटकों का मंचन, गंगा आरती का विशेष आयोजन, शिव–पार्वती नृत्य, शिव स्तुति, प्रभु श्रीराम के जीवन पर आधारित नाटक, तथा कजरी एवं गुजराती लोकनृत्य की प्रस्तुतियां होंगी। अधिवेशन से अंग्रेजी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में नए शोध परिप्रेक्ष्य विकसित होने, उच्च शिक्षा के मानकों को मजबूत करने और राष्ट्रीय स्तर पर अकादमिक संवाद को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।