Move to Jagran APP

यूपी की इन दस धरोहरों को ले सकेंगे गोद, राज्य पुरातत्व निदेशालय की एडाप्ट ए हेरिटेज योजना; देखें ल‍िस्‍ट

Adopt Heritage Scheme राज्य पुरातत्व निदेशालय की एडाप्ट ए हेरिटेज योजना के दूसरे चरण के लिए जल्द स्वीकार किए जाएंगे आवेदन। धरोहरों को सहेजने के लिए स्मारक मित्र के साथ साइन किया जाएगा पांच साल का एमओयू। गोद लिए गए धरोहर पर कराना होगा काम।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 30 Nov 2022 02:11 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 02:11 PM (IST)
यूपी की इन दस धरोहरों को ले सकेंगे गोद, राज्य पुरातत्व निदेशालय की एडाप्ट ए हेरिटेज योजना; देखें ल‍िस्‍ट
Adopt Heritage Scheme: आलमबाग भवन समेत प्रदेश की 10 धरोहरों को ले सकेंगे गोद।

लखनऊ, [दुर्गा शर्मा]। State Directorate of Archaeology राज्य पुरातत्व निदेशालय ने Adopt Heritage Scheme एडाप्ट ए हेरिटेज योजना के दूसरे चरण में 10 धरोहरों का चयन किया है। इनमें लखनऊ के आलमबाग भवन समेत पोतराकुंड (मथुरा), कल्पा देवी एवं आस्तिक बाबा मंदिर (सीतापुर), देवगढ़ की बौद्ध गुफाएं (ललितपुर), राज मंदिर गुप्तार घाट (अयोध्या), लक्ष्मी मंदिर (झांसी), टहरौली किला (झांसी), बालाबेहट किला (ललितपुर), दिगारा गढ़ी (झांसी), शिव मंदिर (टिकैतराय बिठूर कानपुर) को शामिल किया गया है। स्मारक मित्र के साथ पांच साल का मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन किया जाएगा, जिसके तहत गोद लिए गए धरोहर पर काम कराना होगा।

loksabha election banner

धरोहर को सहेजने के साथ ही वहां पर अस्थाई निर्माण व अन्य माध्यमों से स्मारक मित्र आमदनी भी कर सकेंगे। योजना के पहले चरण में प्रदेश के 11 स्मारकों एवं पुरास्थलों को गोद लेने के लिए चुना गया था। सहायक पुरातत्व अधिकारी डा. राजीव त्रिवेदी ने बताया कि स्मारक मित्र द्वारा स्मारकों पर कराए जाने वाले काम तय किए गए हैं। स्थल पर संकेतक, पेयजल, बिजली, सीवरेज, जन सुविधाएं, वाई-फाई, बेंच, कूड़ादान, प्रकाश, पहुंच मार्ग एवं पाथवे, कैफेटेरिया, दिव्यांग के लिए रैंप एवं व्हीलचेयर की व्यवस्था आदि काम कराने होंगे।

नहीं लगा सकते शुल्क

गोद लिए गए धरोहर पर स्मारक मित्रों द्वारा कराए जाने वाले कामों की निगरानी के लिए स्मारक समिति भी गठित की गई है, जो समय-समय पर निरीक्षण करेगी। स्मारक मित्र गोद लिए गए धरोहर पर अनुरक्षण एवं परिरक्षण नहीं कर सकेंगे। यह काम पुरातात्विक मानकों के अनुरूप विभाग द्वारा ही कराया जाएगा। स्मारक मित्र अस्थाई निर्माण तो करा सकेंगे पर स्मारक पर किसी तरह का कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगा सकते। अन्य बिंदुओं का उल्लेख भी एमओयू में विस्तार से होगा।

राज्य पुरातत्व निदेशालय, पर्यटन विभाग और अन्य स्टेकहोल्डरों के सहयोग से स्मारकों एवं पुरास्थलों पर उच्च स्तरीय पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध करने के लिए धरोहरों को गोद लेने की योजना शुरू की गई थी। योजना के दूसरे चरण में चयनित धरोहरों को गोद लेने के लिए भी जल्द आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। प्रक्रिया शुरू होने के बाद राज्य पुरातत्व निदेशालय, छतर मंजिल से आवेदन पत्र ले सकेंगे। पब्लिक एवं प्राइवेट कार्पोरेशन और व्यक्तियों से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।   - रेनू द्विवेदी, निदेशक, राज्य पुरातत्व निदेशालय


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.