Admission Scam: बिना मान्यता वाले आयुर्वेदिक कालेजों में मेरिट वाले छात्रों को दिया दाखिला, एसटीएफ से शिकायत
यूपी के आयुर्वेदिक कालेजों में छात्रों के भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया गया। बिना बिना मान्यता वाले आयुर्वेदिक कालेजों में मेरिट वाले छात्रों को दाखिला दिया गया। मीरजापुर के निजी कालेज के छात्रों ने एसटीएफ से इसकी शिकायत की है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Medical College Admission Scam In UP आयुष कालेजों में 891 फर्जी दाखिले के मामले में गिरफ्तार हुए पूर्व आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह ने नीट-यूजी की मेरिट वाले छात्रों के भविष्य से खुलेआम खिलवाड़ किया। उन्होंने मीरजापुर के एक निजी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज जिसकी मान्यता नहीं थी, उसमें नीट-यूजी की मेरिट वाले छात्रों को दाखिला दिलाकर पूरा करियर ही दांव पर लगा दिया। छात्रों को बरगलाने के लिए इस अमान्य कालेज की काउंसिलिंग में रेटिंग टाप फाइव में दिखाई गई।
निजी आयुर्वेद व यूनानी कालेजों की मान्यता की फाइलें खंगालेगी एसटीएफ
- मीरजापुर के संतुष्टि आयुर्वेद मेडिकल कालेज के छात्रों ने एसटीएफ को शिकायती पत्र लिखकर इसका खुलासा किया।
- इस कालेज से बैचलर आफ आयुर्वेदिक एंड मेडिसिन सर्जरी (बीएएमएस) में शैक्षिक सत्र वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 में दाखिला लेने वाले छात्र फंस गए हैं।
- इस कालेज को सेंट्रल काउंसिल आफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआइएम) व नेशनल काउंसिल आफ इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन (एनसीआइएसएम) ने मान्यता नहीं दी और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने भी संबद्धता नहीं मिली।
- आरोप है कि आयुर्वेद निदेशालय ने इस मामले में कोर्ट को भी गुमराह किया। यही नहीं नीट-यूजी की मेरिट के अलावा राज्य स्तर पर कंबाइंड प्री आयुष टेस्ट भी कराया गया।
- अब एसटीएफ के सामने शिकायत आने के बाद अन्य निजी आयुर्वेद व यूनानी कालेजों की मान्यता की फाइलें खंगाली जा रही हैं।
आयुर्वेद व यूनानी निदेशालय के कर्मचारी रडार पर
कई और कालेजों में इस तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। धंधेबाजों ने मेरिट वाले छात्रों को बिना मान्यता के कालेज में दाखिला दिलवाकर उनका भविष्य दांव पर लगा दिया है। पूर्व आयुर्वेद निदेशक डा. एसएन सिंह, प्रभारी अधिकारी (शिक्षा) डा. उमाकांत यादव, लिपिक राजेश सिंह व कैलाश भाष्कर जेल की सलाखों के पीछे हैं। अब आयुर्वेद व यूनानी निदेशालय के और भी कर्मी रडार पर हैं। पूर्व निदेशक के कार्यकाल में आयुर्वेद निदेशालय में एक बिहार के रहने वाला बाबू भी काफी प्रभावशाली था। फिलहाल अब कई कर्मियों की मुश्किलें बढ़ना तय है।