Move to Jagran APP

जज्बेे को सलाम : 'साइकिल गुरू' आदित्य की पाठशाला, जहां लगी ब्रेक, वहीं शुरू हो जाती है पढ़ाई

पुरानी साइकिल फटा शर्ट और देश के हर बच्चे को साक्षर बनाने का जज्बा। शिक्षा के बदले में भिक्षा से करते हैं अपना गुजारा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 12:26 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 07:35 AM (IST)
जज्बेे को सलाम : 'साइकिल गुरू' आदित्य की पाठशाला, जहां लगी ब्रेक, वहीं शुरू हो जाती है पढ़ाई
जज्बेे को सलाम : 'साइकिल गुरू' आदित्य की पाठशाला, जहां लगी ब्रेक, वहीं शुरू हो जाती है पढ़ाई

अमेठी, (दिलीप सिंह)। दिल में बदलाव व बेहतर करने जज्बा हो और देश व सामाज के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना तो कोई भी बाधा राह नहीं रोक सकती है। यह बात फर्रूखाबाद के सलेमपुर निवासी आदित्य कुमार को देखकर और पक्की हो जाती है। देश के हर बच्चे को साक्षर बनाने का संकल्प लेकर 27 साल पहले अपने घर निकले आदित्य पांच लाख से अधिक की दूरी अपनी साइकिल से नाप कर अब साक्षरता का संदेश देने व हर बच्चे को स्कूल भेजने की उम्मीद लेकर अमेठी के गांवों में पहुंचे हैं। 

loksabha election banner

बच्चों को शिक्षा और खुद के लिए मांगते हैं भिक्षा

फटा शर्ट, टूटी चप्पल और बोर्ड और बैनर लगे होने से कुछ अलग दिखने वाली साइकिल लिए आदित्य गांव-गांव घूम ऐसे बच्चों को पढ़ाई के लिए जागरूक कर रहे हैं। जो स्कूल नहीं जाते हैं। दिन भर बच्चों की शिक्षा में लगे रहने वाले आदित्य अपना पेट भरने के लिए मजदूरी भी करते हैं और किसी ने कुछ दे दिया तो उससे अपना काम चलाते हैं।

साइकिल के रुकते ही शुरू हो जाती है पढ़ाई

गांव-शहर होते हुए देश के हर कोने तक शिक्षा की अलख जगाने निकले आदित्य की साइकिल जहां रुकती है। वहीं पढ़ाई की क्लास शुरू हो जाती है।

देश के लिए हम क्या कर रहे हैं इस पर है पूरा ध्यान

1970 में 18 जुलाई को जन्में आदित्य ने अपनी मुहिम में किसी तरह की रुकावट न आए। बस, इसी के चलते अपना घर नहीं बसाया। वह कहते हैं कि देश के लिए हम क्या कर रहे हैं। इस पर मेरा पूरा ध्यान है। मेरी मुहिम से बहुत सारे बच्चे स्कूल पहुंचे। बस, यह बात सुकून देती है। हालांकि इसके लिए मार भी खानी पड़ी और हर तरह के दर्द मिले पर मुझे भरोसा है कि हमारा देश पूरी तरह से जल्द साक्षर होगा।

कई बडे रिकार्ड हैं आदित्य के नाम

  • गिनीज वल्र्ड रिकार्ड (21 दिसंबर 2019)।
  • लिम्का बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड (दो बार)।
  • गोल्डन बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड (अमेरिका)।
  • वंडर बुक आफ इंटर नेशनल रिकार्ड (लंदन)।
  • एशिया बुक आफ रिकार्ड।
  • इंडिया बुक आफ रिकार्ड।
  • गूगल व बीबीसी ने दिया श्रेष्ठ शिक्षक का सम्मान।
  • आठ राज्यपाल व 15 मुख्यमंत्री कर चुके हैं सम्मानित।
  • संसद भवन में 2019 में मिला हीरो आफ नेशन अवार्ड। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.