Child Labor In UP: अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चंद्रा बोले- जनांदोलन से ही खत्म होगा बाल श्रम
यूपी में बाल श्रम रोकने के लिए पर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चंद्रा ने लोगों से अपील की है। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में प्रदेश को बाल श्रम मुक्त करने का संकल्प है पर ये बिना जनांदोलन के नहीं हो सकता है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Child Labor In UP अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चंद्रा ने कहा है कि बाल श्रम को खत्म करने के लिए इसे जनांदोलन बनाना होगा। बाल श्रम उन्मूलन एवं पुनर्वासन विषय पर श्रम विभाग और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आइएलओ) के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन के लिए कामकाजी बच्चों को चिन्हित कर उनके परिवारों को सूचीबद्ध करना होगा और यह देखना होगा कि बाल श्रमिक अपने परिवार की किस समस्या के कारण काम करने को मजबूर हैं। यदि परिवार की आर्थिक समस्या के कारण बच्चे से बाल श्रम कराया जा रहा है, तो परिवार को पात्रता के अनुसार सरकार की ओर से संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लाभान्वित कराया जाए।
परिवार यदि किसी सामाजिक समस्या के कारण अपने बच्चे से बाल श्रम करा रहा है तो उसकी काउंसिलिंग कर उसके बच्चे को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। बच्चों की तस्करी रोकने में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। श्रम आयुक्त शकुन्तला गौतम ने कहा प्रदेश सरकार ने उप्र को पांच वर्षों में बाल श्रम मुक्त घोषित करने का संकल्प लिया है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए श्रम विभाग के प्रदेश के अन्य संबंधित विभागों को भी इसमें सहयोग करना होगा। यूनीसेफ और आइएलओ को भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। प्रदेश में बाल श्रम से सर्वाधिक प्रभावित 20 जिलों में वर्ष 2017 से संचालित नया सवेरा योजना के तहत 50,000 से अधिक बच्चों को चिन्हित कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया है और उनके परिवारों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लाभान्वित कराया जा रहा है।
कार्यशाला को उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव निशा, आइएलओ के उप निदेशक सतोषी ससाकी, यूनीसेफ लखनऊ के प्रोग्राम मैनेजर अमित महरोत्रा ने भी संबोधित किया।