चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए अडानी ग्रुप ने लगाई सबसे बड़ी बोली
तेज होगा एयरपोर्ट विस्तार का काम लेकिन महंगी होंगी सेवाएं। 28 को हो सकती है स्वामित्व हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी।
लखनऊ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने के लिए सोमवार को फाइनेंसियल बीड खोली गई। अडानी ग्रुप ने सबसे बड़ी बोली लगायी है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय केंद्रीय कैबिनेट लगाएगा। वहीं एयरपोर्ट के निजीकरण के बाद जहां यहां के टर्मिनल 3 के निर्माण सहित सभी काम तेज हो जाएंगे। वहीं दूसरी ओर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं बेहतर होंगी। हालांकि इसके लिए उनको अधिक कीमत चुकानी होगी। वहीं एयरपोर्ट के कर्मचारी इस निर्णय को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। निजीकरण के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन के पास केवल ऑपरेशन और सीआइएसएफ का जिम्मा रह जाएगा।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण 28 फरवरी को चयनित निजी कंपनी को स्वामित्व के हस्तांतरण का प्रमाण पत्र सौंप देगा। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निजीकरण के लिए जीएमआर, एएमपी, ऑटोस्ट्रेड, अडानी, पीएनसी और आई-इनवेस्ट ने अपनी रूचि दिखायी थी।
इसमें अडानी ग्रुप पर सोमवार को सहमति भी बन गई है। इस समय एयरपोर्ट के रनवे विस्तार की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही दूसरा रनवे बनाया जा रहा है। एक समानांतर टैक्सी वे बनाने का काम भी किया जाएगा। जहां उड़ान भरने और उतरने पर विमान की पार्किंग हो सकेगी।
माना जा रहा है कि टर्मिनल 3 के निर्माण सहित इन कामों में तेजी आएगी। यात्रियों को और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। रखरखाव निजी हाथों में आने के बाद एयरपोर्ट पर सफाई के अलावा रेस्त्रां जैसी सुविधाएं आधुनिक होंगी। वहीं निजी हाथों में सौंपे जाने के बाद एयरपोर्ट पर अच्छी सेवाओं के लिए यात्रियों को कीमत भी चुकानी होंगी। एयरपोर्ट परिसर में 27 दुकानें हैं। विकास के लिए कंपनी लखनऊ एयरपोर्ट पर यूजर डेवलपमेंट फीस (यूडीएफ) भी बढ़ा सकती है। जिससे विमानों का किराया महंगा हो सकता है।