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Deepika Padukone Interview: खुद को महसूस कर निभाया 'छपाक' का किरदार..बर्थडे पर दीपिका ने साझा की दिल की बातें

Deepika Padukone Interview अपने 34वें जन्‍मदिन पर लखनऊ पहुंची एक्‍ट्रेस दीपिका ने दैनिक जागरण से अपनी अपकमिंग फिल्‍म छपाक को लेकर दिल की बातें साझा की।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 09:57 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 09:11 AM (IST)
Deepika Padukone Interview: खुद को महसूस कर निभाया 'छपाक' का किरदार..बर्थडे पर दीपिका ने साझा की दिल की बातें
Deepika Padukone Interview: खुद को महसूस कर निभाया 'छपाक' का किरदार..बर्थडे पर दीपिका ने साझा की दिल की बातें

लखनऊ, जेएनएन। बॉलीवुड एक्‍ट्रेस दीपिका पादुकोण अपने 34वें जन्‍मदिन पर पति रणवीर सिंह के साथ नवाबों की नगरी लखनऊ पहुंचींं। यहां के गोमतीनगर स्थित शीरोज हैंगआउट कैफे पहुंचीं। दीपिका की एक झलक पाने को उनके फैंस हजारों की संख्‍या में उमड़ पड़े। यहां दीपिका ने केक काटकर पति रणवीर सिंह संग एसिड अटैक सर्वाइवर्स के बीच अपना जन्मदिन मनाया। इस दौरान एक्‍ट्रेस दीपिका ने दैनिक जागरण से अपनी अपकमिंग फिल्‍म 'छपाक' को लेकर दिल की बातें साझा की। उन्‍होंने कहा कि फिल्म के लिए दिल्‍ली की  एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी के साथ मैंने काफी समय बिताया है, लेकिन एक संतुलन बनाकर रखना बेहद जरूरी था। क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि मैं लक्ष्मी जैसी दिखूं। मैं चाहती थी अगर खुदा न खास्ता मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ तो मेरा चेहरा कैसा लगेगा। आगे पढ़ें... 

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दो मिनट में ही हां कर दी थी फिल्म

एक्‍ट्रेस दीपिका पादुकोण ने बताया कि मैंने दो मिनट में ही फैसला कर लिया था कि मैं यह (छपाक) फिल्म करूंगी। उस दिन से लेकर आज तक मैंने कभी फिल्म को लेकर संदेह नहीं किया। मुझे इस फिल्म के लिए दोबारा नहीं सोचना पड़ा। पहले दिन से ही मैं यह फिल्म पैशनेटली करना चाहती थी और अभी भी मैं वैसा ही महसूस कर रही हूं। फिल्म भी वैसे ही बनी है जैसा मैंने महसूस किया था। नरेशन के दौरान मुझे जो लगता था कि हां इसमें कुछ खास बात है तो लोग जब देखेंगे तो कुछ तो असर होगा। उस वक्त जो मुझे लगता था, हां अब मैं बिल्कुल विश्वास के साथ कह सकती हूं, समाज पर इसका सकारात्मक असर पडऩे वाला है।

 

18 से 20 घंटों तक किया काम

एक्‍ट्रेस दीपिका - 'फिल्म के दौरान पहली बार जब मैंने मेकअप करके खुद को शीशे में देखा तो कुछ महसूस नहीं हुआ। मुझे ऐसा ही लगा कि मैं अपने आप को ही देख रही हूं। इस फिल्म की कहानी भी यही है कि चाहे आप किसी का चेहरा बदलो या उसको छीनने की कोशिश करो, लेकिन जो किसी की आत्मा, पहचान और विश्वास होता है। वह सबसे बड़ी बात है। इस कहानी के जरिए हम यही बात लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं। मेकअप लगाने में करीब तीन, साढ़े तीन घंटे और मेकअप हटाने में एक-डेढ़ घंटे का समय लगता था। फिल्म के दौरान मैंने 18 से 20 घंटे तक काम किया है।'

 

असली सर्वाइवर्स ने विश्वास के साथ किया है काम

एक्‍ट्रेस दीपिका - 'शूटिंग के दौरान बाला ऋतु, जीतू, कुंती मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गई हैं। इनमें बहुत जबरदस्त विश्वास है। फिल्म में इन्होंने उस विश्वास के साथ काम किया है। जैसे यह इनका रोज का काम हो। उनकी जो आत्मा, विश्वास और सेंस ऑफ ह्यूमर है। उसे देखकर काफी अच्छा लगता है। यह हम सबके लिए एक प्रेरणा है। बहुत लोग कहते हैं कि हमारी जिंदगी में कितनी परेशानी हैं। हम कैसे जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन इनके बारे में पढ़कर, सोचकर, समझकर, देखकर लगता है कि हमारी जिंदगी में कोई परेशानी हैं ही नहीं। जबकि हमें ऐसा लगता है कि वह कितनी आसानी से जिंदगी जी रहे हैं। क्योंकि वह खुशी से जी रहे हैं।'

 

एक्शन के बाद निकलकर आते हैं भाव

एक्‍ट्रेस दीपिका - 'ऐसे रोल के लिए कभी भी आप 100 प्रतिशत इमोशनली तैयारी नहीं कर सकते हैं। इसके लिए हमने छह महीने पढ़ाई की, लुक टेस्ट किए, कॉस्ट्यूम के लिए रियाज हो या जितना भी कुछ हम कर सकते थे हमने किया। ऐसे रोल के लिए जब सेट पर टेक होता है, जो भाव निकलकर सामने आते हैं। वह कोई पहले से तैयार नहीं कर सकता। मैं कैसे फील कर सकती हूं कि मैं एक एसिड अटैक सर्वाइवर हूं। मैं सिर्फ सोच सकती हूं कि हां ऐसे होगा। बाकी मैंने इस चीज के लिए पहले से मानसिक तौर पर तैयारी की है कि है कि अटैक के समय मेरी ऐसी प्रतिक्रिया होती या मैं ऐसा करती। जब डायरेक्टर एक्शन बोलता है। उसके बाद जो महसूस करके करना होता है, वो बहुत अलग एहसास होता है।'

 

खुद को महसूस कर निभाया किरदार

फिल्म के लिए लक्ष्मी के साथ मैंने काफी समय बिताया है, लेकिन एक संतुलन बनाकर रखना बेहद जरूरी था। क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि मैं लक्ष्मी जैसी दिखूं। मैं चाहती थी अगर खुदा न खास्ता मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ तो मेरा चेहरा कैसा लगेगा। मैंने इसके लिए बीच का रास्ता पकड़ा। मैंने थोड़ा बहुत उनसे प्रेरणा लेकर सीखा और बाकी चीजें खुद से कीं।

 

सिर्फ फिल्म नहीं जिम्मेदारी है 

एक्‍ट्रेस दीपिका - 'हम चाहते हैं यह फिल्म एक अभियान बने। यह हम सबकी जिम्मेदारी है। फिल्म बनाने की जिम्मेदारी हमारी रही है। उसको अच्छे से बनाना और दिखाना सब हमने किया है। अब इस बात को आगे बढ़ाना और जो बदलाव हम चाहेंगे वह आप सबके हाथों में है।'

 

लखनऊ वालों की ऊर्जा पसंद है

एक्‍ट्रेस दीपिका- 'मैं पहले भी लखनऊ आ चुकी हूं। इस बार पति रणवीर सिंह भी साथ आए। वह खाने के बहुत शौकीन हैं। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं लखनऊ जाने वाली हूं तो वह भी तैयार हो गए। उन्हें लखनऊ का खाना खाना था। इस वजह से वह मेरे साथ आए हैं। हम साथ में कबाब खाने जाएंगे। मुझे यहां के लोग बहुत पसंद हैं। उनके अंदर एक अलग ऊर्जा है। जब भी हम यहां आते हैं तो लोगों से भरपूर प्यार मिलता है।'


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