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Action of CM Yogi Adityanath: बर्दाश्त नहीं लापरवाही, प्रयागराज के जिला आबकारी अधिकारी व निरीक्षक सस्पेंड

Action of CM Yogi Adityanath प्रयागराज के फूलपुर में सरकारी देशी शराब की दुकान से खरीदी मिलावटी शराब के सेवन से छह लोगों की मौत पर गंभीर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 06:16 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 07:07 AM (IST)
Action of CM Yogi Adityanath: बर्दाश्त नहीं लापरवाही, प्रयागराज के जिला आबकारी अधिकारी व निरीक्षक सस्पेंड
अवैध शराब की बिक्री के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ की बेहद नाराजगी का बड़ा असर हो गया

लखनऊ, जेएनएन। प्रयागराज में सरकारी देशी शराब की दुकान से अवैध शराब की बिक्री के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ की बेहद नाराजगी का बड़ा असर हो गया है। अपर मुख्य सचिव ने प्रयागराज के जिला आबकारी अधिकारी तथा निरीक्षक के साथ एक कॉन्सटेबल को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सम्भल के जिला विकास अधिकारी को कार्य में शिथिलता बरतने के मामले में निलंबित किया गया है।

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प्रयागराज के फूलपुर में सरकारी देशी शराब की दुकान से खरीदी मिलावटी शराब के सेवन से छह लोगों की मौत पर गंभीर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने कार्रवाई की है। उन्होंने प्रयागराज के जिला आबकारी अधिकारी संदीप बिहारी के साथ ही आबकारी निरीक्षक विजय प्रताप यादव तथा हेड कॉन्टेबल सुरेश कुमार को निलबिंत कर दिया है। प्रयागराज के फूलपुर के तहसील के अमिलिया गांव में मिलावटी शराब के सेवन से छह लोगों की मौत हो गई है। अभी भी तीन लोगों की हालत गंभीर है। इनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। इन सभी ने सरकारी देशी शराब की दुकान ने शराब खरीदकर उसका सेवन किया था। मिलावटी शराब से मौत के मामले में एक्साइज इंटेलिजेंस ब्यूरो (ईआइबी) के साथ स्पेशल स्ट्राइक फोर्स (एसएसएफ) की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

सम्भल के जिला विकास अधिकारी निलंबित

अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता का व्यवहार सम्भल के जिला विकास अधिकारी रामसेवक को भारी पड़ गया है। इन पर अनुशासनहीनता के आरोप पर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निलंबित किया गया है। इनके निलंबन का आदेश मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया है। रामसेवक पर उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, आईजीआरएस अंतर्गत आख्या प्रेषित न करने, अधीनस्थों से अभद्रता करने और बगैर समुचित अनुमति के जनपद मुख्यालय से बाहर जाने सहित अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता के अनेक आरोप प्रथमदृष्टया सिद्ध हुए हैं। जवाब मांगे जाने पर भी आरोपी अधिकारी की ओर से जवाब नहीं दिया गया। यही नहीं, पूर्व की तैनाती के दौरान भी रामसेवक पर मनमानी करने के तमाम मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से इनको निलंबित करने का आदेश दिया है। इनके प्रकरण की गहन जांच के लिए संयुक्त विकास आयुक्त, बरेली मंडल को जांच अधिकारी नामित किया गया है। 


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