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देवरिया कांड में वर्तमान और पूर्व एसपी को हटाया, दोनों के खिलाफ जांच

देवरिया बालिका गृह में अवैध कारोबार का पर्दाफाश कर सुर्खियों में आए एसपी रोहन पी कनय को वहां से हटाकर डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 08:18 PM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 08:11 AM (IST)
देवरिया कांड में वर्तमान और पूर्व एसपी को हटाया, दोनों के खिलाफ जांच
देवरिया कांड में वर्तमान और पूर्व एसपी को हटाया, दोनों के खिलाफ जांच

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश सरकार ने देवरिया के बालिका संरक्षण गृह कांड में हाईकोर्ट की फटकार के बाद लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर दी है। यहां के वर्तमान पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय व पूर्व पुलिस अधीक्षक राकेश शंकर (वर्तमान में डीआइजी बस्ती रेंज) को हटा दिया है। इन दोनों को डीजीपी कार्यालय में अटैच करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है। देवरिया में मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान के बालिका संरक्षण गृह में अवैध रूप से बालिकाओं को रखने व इनका शारीरिक व मानसिक शोषण करने के मामले में पुलिस की भी शिथिलता सामने आई है।

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एडीजी की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई 

सरकार ने डीएम देवरिया के बाद यहां के एसपी रोहन पी कनय को भी हटा दिया है। एडीजी गोरखपुर जोन दावा शेरपा की जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने यह कार्रवाई की है। डीआइजी बस्ती रेंज राकेश शंकर 24 सितंबर 2017 से 24 मार्च 2018 तक देवरिया के एसपी रहे थे। इनके कार्यकाल के दौरान ही बालिका संरक्षण गृह के खिलाफ पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। सरकार ने सीओ सदर दयाराम सिंह गौर का भी तबादला कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही 31 जुलाई को देवरिया के जिला प्रोबेशन अधिकारी के दर्ज कराए मुकदमे में लापरवाही बरतने वाले विवेचक और थाना प्रभारी को भी निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

तीन और आइपीएस अफसरों का तबादला

प्रदेश सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के दिन तीन और आइपीएस अफसरों के ताबदले कर दिए। पुलिस उप महानिरीक्षक एसीओ आशुतोष कुमार को पुलिस उप महानिरीक्षक बस्ती परिक्षेत्र भेजा गया है। महोबा के एसपी एन कोलांची को देवरिया का नया एसपी बनाया गया है। इसी प्रकार एसपी एटीएस कुंवर अनुपम सिंह को एसपी महोबा में नई तैनाती दी गई है। 

कोतवाल-विवेचक निलंबित 

देवरिया कांड में 31 जुलाई को जिला प्रोवेशन अधिकारी द्वारा बाल गृह की संचालिका के विरुद्ध दर्ज कराए गए मुकदमे में कार्रवाई न करने पर कोतवाल तथा विवेचक को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही शासन ने प्रतिबंध के बाद भी बाल गृह बालिका में बच्चियों को भेजने वाले थानेदार, उप निरीक्षकों और अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित बाल गृह बालिका में देवरिया पुलिस ने पांच अगस्त की रात छापेमारी कर संचालिका गिरिजा त्रिपाठी तथा उनके पति को गिरफ्तार कर लिया था।

देह व्यापार होने का दावा 

गिरफ्तारी के बाद देर रात पत्रकार वार्ता में एसपी देवरिया ने बाल गृह बालिका की आड़ में देह व्यापार होने का दावा किया था। पुलिस के इस सनसनीखेज पर्दाफाश के बाद शासन स्तर तक हड़कंप मच गया था। दूसरे दिन ही देवरिया के जिलाधिकारी को हटाने के साथ ही शासन ने एडीजी जोन गोरखपुर को पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। देवरिया जाकर एडीजी जोन ने इस मामले की गहराई से छानबीन करने के बाद 11 अगस्त को इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को अपनी रिपोर्ट भेज दी। पुलिस महानिदेशक ने 14 अगस्त को अपनी टिप्पणी के साथ जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दिया। रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों को हटाने के साथ संबंधित लोगों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई है।


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