लॉ पेपर लीक कांड : प्रो. सोनकर ने पुलिस के सामने स्वीकार किया-हां, की थी ऋचा की ‘हेल्प’
ऋचा ने सारे आरोप नकारे। ऋचा बोली-ऑडियो में मेरी आवाज नहीं। आरोपित प्रोफेसर से डीन के समक्ष पुलिस ने की थी पूछताछ। फोन पर कुछ महत्वपूर्ण सवाल बताने की गलती मानी।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय में लॉ पेपर लीक कांड की मुख्य किरदार और ऋचा मिश्र आखिरकार एक हफ्ते बाद सामने आ ही गईं। बुधवार को अचानक एसटीएफ मुख्यालय पहुंची और जांच टीम को बयान दर्ज कराए। करीब छह घंटे चली पूछताछ में पूरे घटनाक्रम में ऋचा की भूमिका को लेकर कई सवाल पूछे गए लेकिन, उन्होंने सिरे से सारे आरोप नकार दिए। यहां तक दावा किया कि वायरल ऑडियो में उसकी आवाज ही नहीं है। वहीं, पेपर लीक करने के आरोपित प्रोफेसर एसके सोनकर ने लविवि के डीन के सामने पुलिस पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि उन्होंने फोन पर ऋचा की ‘हेल्प’ की थी। कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न बताए। एसटीएफ का दावा है कि बयान दोनों के भले अलग-अलग हों मगर, एक बात तो साफ है कि कहीं कुछ न कुछ तो हुआ है। कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं।
11 दिसंबर को पेपर लीक कांड का ऑडियो आने के बाद से ही ऋचा सीन से गायब थीं। एसटीएफ ने कई बार उनसे पूछताछ का प्रयास किया मगर, वे सामने नहीं आईं। शिकंजा कसता देख, आखिरकार बुधवार को ऋचा का हौसला टूट गया। वह करीब दो बजे एसटीएफ मुख्यालय पहुंच गईं। यहां उनसे लगातार छह घंटे तक पूछताछ हुई। एसटीएफ 13 सवालों के जवाब चाहती थी मगर, ऋचा ने सभी को नकार दिया। किसी भी जानकारी से साफ इन्कार करते हुए ऑडियो लीक कांड में शामिल होने से भी पल्ला झाड़ लिया। ऋचा के साथ सिटी कॉलेज प्रबंधक विजय को भी बुलाया गया था मगर, उन्होंने अपनी जगह इसी नाम के किसी दूसरे व्यक्ति को भेज दिया। जानकारी पर एसटीएफ ने उसे बैरंग लौटा दिया।
सच बोले प्रो. सोनकर
प्रो. अशोक सोनकर के बयान ने जांच को नया मोड़ दे दिया। बुधवार को ही उन्होंने लविवि के डीन प्रो. सीपी सिंह के सामने हुई पुलिस पूछताछ में गलती मानी। यह कहकर कि उन्होंने फोन पर ऋचा मिश्र को कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न बताए थे। हालांकि, यह भी जोड़ा कि उनमें कोई सवाल प्रश्न पेपर से जुड़ा नहीं था।
12 दिसंबर को हुईं लॉ ऑनर्स की परीक्षाएं भी निरस्त
लविवि और संयुक्त महाविद्यालय में 12 दिसंबर को हुईं एलएलबी ऑनर्स पांचवे सेमेस्टर की सभी परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं। परीक्षाएं दोपहर दो से पांच बजे तक हुई थीं। विवि प्रबंधन ने बुधवार को जारी आदेश से बताया कि नए परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार अब समस्त केंद्रों पर दोबारा परीक्षाएं आयोजित होंगी।
कुलपति से स्वीकारी पुरानी पहचान
लंबी पूछताछ में एक सवाल ऐसा आया, जहां ऋचा एसटीएफ को गच्चा नहीं दे सकीं। सवाल लविवि के कुलपति एसके शुक्ला से जान-पहचान का था, जिसके जवाब में ऋचा ने माना कि वे उन्हें काफी समय से जानती हैं। हां, उन समेत दो प्रोफेसर से बातचीत के वायरल ऑडियो में उन्होंने खुद की आवाज होने से साफ मना किया।
ऋचा से एसटीएफ ने पूछे सवाल
एसटीएफ : क्या आपने लॉ का पेपर लीक कराया?
ऋचा : नहीं मुझे ऐसे किसी प्रकरण की जानकारी नहीं है।
एसटीएफ : किन लोगों ने आपको लॉ के पेपर से संबंधित प्रश्न बताए?
ऋचा : मेरी किसी से पेपर लीक करने को लेकर कोई बात नहीं हुई
एसटीएफ : पेपर लीक को लेकर जो ऑडियो वायरल हुआ है क्या वह आपकी आवाज है?
ऋचा : नहीं यह मेरी आवाज बिल्कुल नहीं है।
एसटीएफ : क्या आप प्रो. सोनकर को जानती हैं?
ऋचा : नहीं मैं उनको नहीं जानती
एसटीएफ : लविवि के कुलपति से आपकी पेपर को लेकर कभी कोई बात हुई है?
ऋचा : नहीं मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई
एसटीएफ : आपके अस्पताल में लविवि कुलपति के रिश्तेदार का क्या इलाज चल रहा है?
ऋचा : हां उनके रिश्तेदार का कई महीनों से उपचार चल रहा है।
एसटीएफ : अभी आपने कहा कि उनसे कोई संपर्क नहीं होता फिर भी रिश्तेदार के इलाज की जानकारी आपको कैसे?
ऋचा : हां रिश्तेदार के इलाज से पहले से मैं कुलपति को जानती हूं।
एसटीएफ : इसका मतलब आपकी पहले भी बात होती रही है?
ऋचा : हां कुलपति से मेरी फोन पर भी बात होती रहती है।