रुपये दोगुना करने का झासा दे करोड़ों की ठगी, गिरफ्तार
बैंक मैनेजर समेत चार एजेंटों को पीटकर पुलिस को सौंपा।
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। हजरतगंज क्षेत्र में रुपये दोगुना करने का झासा देकर निजी बैंक के कर्मचारियों द्वारा सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी का मामला प्रकाश में आया। आरोप है कि रुपये हड़प करने के बाद मैनेजर, एजेंट और कर्मचारी भूमिगत हो गए थे। मंगलवार को जमाकर्ताओं ने कंपनी के मैनेजर समेत चार एजेंटों को पकड़ा और जमकर पीटने के बाद उन्हें हजरतगंज पुलिस के सिपुर्द कर दिया। पुलिस मामले की जाच कर रही है।
हजरतगंज कोतवाली पहुंचे बालागंज निवासी अनूप द्विवेदी, फतेहगंज गल्ला मंडी के संतोष कुमार गुप्ता, अंकित गुप्ता निवासी पारा और कैसरबाग के आदर्श सोनकर ने चारों के खिलाफ तहरीर दी। अनूप ने बताया कि बीएन रोड स्थित इस्लामिया कॉलेज के सामने इंडियन कंस्ट्रक्शन कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड के नाम से कंपनी का आफिस है। जानकीपुरम निवासी विश्वजीत कंपनी में मैनेजर और मधुसूदन मिश्र, अतुल भार्गव और विनय एजेंट हैं। इन लोगों ने विभिन्न स्कीम और रुपये दोगुने करने का झासा देकर लोगों की आरडी और महीने की किस्त के तौर पर खाते खोले। चार-पाच साल तक रुपये जमा कराते रहे। इसके बाद चार माह पूर्व आफिस बंद कर चले गए। कंपनी की किस्त जमा करने के लिए हम सब आफिस जा रहे थे पर वह बंद मिलता। मैनेजर समेत अन्य कर्मचारियों से फोन पर बात की तो वह शहर के बाहर होने का हवाला देते रहे। तीन दिन पहले ऑफिस पहुंचे तो वहा टूलेट का बोर्ड लगा था जबकि कंपनी का बोर्ड हटा हुआ था। इस पर योजना बनाकर कंपनी के कर्मचारियों को फोन किया और चार माह की किस्त एक साथ जमा करने का प्रलोभन देकर बुलाया। मंगलवार शाम यह लोग आफिस आए तो उन्हें पकड़ लिया गया। कुछ लोगों भाग निकले पर मैनेजर समेत एजेंटों को पकड़कर थाने लाए।
एफडी और मासिक किस्त के नाम पर लिए रुपये
आरोपितों ने एफडी और मासिक किस्त के नाम पर सैकड़ों लोगों से रुपये जमा कराए थे। पीड़ित अंकित ने बताया कि वह तीन साल में साढ़े तीन लाख रुपये जमा कर चुका है। खाता खुलवाने के समय मैनेजर विश्वजीत ने बताया था कि पाच साल तक प्रति माह पाच हजार रुपये जमा करने के बाद उन्हें रुपये नहीं जमा करने हैं। उसके बाद कंपनी उन्हें पाच हजार रुपये प्रति माह देगी और 15 साल पूरे होने पर पाच लाख रुपये दिए जाएंगे। अनूप ने बताया कि उसने कुल 65 हजार रुपये जमा किए, उसकी मा ने 20 हजार रुपये, संतोष कुमार गुप्ता ने 90 हजार रुपये अंकित ने साढ़े तीन लाख रुपये जमा किए। इसके अलावा सैकड़ों लोगों से रुपये ऐंठे हैं।