ट्रैक्टर की फ्यूज हेडलाइट ने बुझा दिया कई घरों का चिराग, बलरामपुर में दुल्हे ने बताया हादसे का आंखों देखा हाल
बलरामपुर में ट्रैक्टर ट्राली और बोलेरो की भिड़ंत में बाल बाल बचे दुल्हे ने हादसे का आंखों देखा हाल बताया। उसने बताया कि ट्रैक्टर की फ्यूज हेडलाइट की वजह से बोलेरो चालक सामने से आ रहे वाहन का सही से आंकलन नहीं कर सका और हादसा हो गया।
बलरामपुर, जागरण टीम। ट्रैक्टर-ट्राली का फ्यूज हेडलाइट उदय प्रताप की पूरी दुनिया ही उजाड़ दी। सामने से आ रही ट्रैक्टर-ट्राली की केवल एक हेडलाइट जल रही थी, जिससे बोलेरो चालक लच्छन कुमार समझ नहीं पाया कि कौन सा वाहन आ रहा है। नतीजा दोनों बोलेरो और ट्रैक्टर-ट्राली की आमने सामने जोरदार टक्कर हो गई।
बोलेरो में बैठा दूल्हा उदय प्रताप बाल-बाल बच गया। उसे मामूली चोट आई है। उसके बहनोई बसंत कुमार, भांजी अमृता, छोटे भाई रजनीश, ड्राइवर लच्छन व ट्रैक्टर चालक शादाब की जान चली गई। सहबाला बनकर चहक रहा उसका भतीजा अंकित भी हमेशा के लिए खामोश हो गया। उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया। दूल्हे का पिता शिव प्रसाद लखनऊ ट्रामा सेंटर में जिंदगी-मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।
रास्ते से लौटी बरात, छा गया मातम : उदय ने बताया कि बारात में छह छोटे वाहन व एक पिकअप शामिल था। दूल्हे व परिवारजन से भरी बोलेरो सबसे आगे चल रही थी। सभी हंसी-खुशी बारात ले जा रहे थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। रास्ते में गनवरिया गांव के पास हुई दुर्घटना में शादी की खुशियां काफूर हो गईं। दुर्घटना के बाद बारात वहीं से लौट आई। दुल्हन आने के बाट जोह रही महिलाओं को जब यह सूचना मिली, तो पूरे घर में मातम फैल गया। दूल्हे की मां बड़का व उसकी बहन का रो-रोकर हाल बेहाल था।
बड़का कहती हैं कि छोटा बेटा रजनीश उदय के विवाह को लेकर बहुत उत्सुक था। तैयारियों में जी-जान से जुटा था, लेकिन शायद उसकी किस्मत में भाई का विवाह देखना नहीं लिखा था। दूल्हा उदय प्रकाश चार भाइयों में तीसरे नंबर पर है। उसने बताया कि बड़े भाई का बेटा अंकित उसके साथ ही वाहन में बैठने की जिद कर रहा था। उसे अपने पिता के साथ दूसरे वाहन से आना था, लेकिन काल के आगे बेबस होकर उसे भी अपने साथ बैठा लिया। महिलाओं की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।
घायलों व मृतकों के सामन की हुई लूट : उदय ने बताया कि दुर्घटना होने पर वह बेहोश हो गया था। परिजन मृतकों व घायलों को वाहन से निकालने में लग गए। इसी बीच उसके पिता के पास रखे 65 हजार, उसके पास रखे 28 हजार नकद व 60 हजार रुपए के जेवरात लोगों ने चुरा लिए।
...और बेहोश हो गई दुल्हन : पचपेड़वा के भगवानपुर शिवपुर गांव में राधेश्याम विश्वकर्मा बेटी वंदना की शादी की तैयारियों में जुटे थे। जश्न के माहौल में पूरा गांव बारातियों की राह देख रहा था। रात करीब नौ बजे फोन की घंट बजने पर राधेश्याम के कानों में गूंजी आवास पर जश्न का माहौल पल भर में मातम में बदल गया। सड़क दुर्घटना में दूल्हे के बहनोई, भांजी, भाई व भतीजे की मौत की खबर से हर कोई स्तब्ध रह गया।
घर में मेहंदी लगाकर दुल्हन बनी बैठी वंदना यह खबर सुनते ही बेहोश हो गई। उसकी आंखों से आंसू रुक नहीं रहे हैं। पूरा परिवार उसे दिलासा देने में जुटा है। शादी की सारी तैयारियां धरी रह गईं। करीब 500 लोगों का भोजन फेंक गया। इस घटना से गांव में हर कोई गमगीन है। शनिवार सुबह भी राधेश्याम के आवास पर लाेगों की भीड़ लगी रही।