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इनके आंगन में तुलसी की दस किस्‍में, हर घर में रोपने की है तमन्‍ना

मांग के अनुरूप श्री दुर्गाजी धर्म जागरण सेवा समिति उपलब्ध कराती है तुलसी का पौधा। तुलसी की विशेषता बताकर इसे घरों में लगाने के लिए लोगों को कर रहे प्रेरित।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 09:10 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:15 AM (IST)
इनके आंगन में तुलसी की दस किस्‍में, हर घर में रोपने की है तमन्‍ना
इनके आंगन में तुलसी की दस किस्‍में, हर घर में रोपने की है तमन्‍ना

लखनऊ, (नीरज मिश्र)। तुलसी के धार्मिक और औषधीय महत्व को देखते हुए शास्त्री नगर श्री दुर्गाजी धर्म जागरण सेवा समिति ने 'घर-घर तुलसी' का पौधा स्थापित कराने की अनूठी मुहिम शुरू की है। संस्था तुलसी की विशेषता बता इसे घरों में स्थापित करने के लिए लोगों को प्रेरित करती है। लोगों की मांग पर तुलसी का पौधा उपलब्ध कराया जाता है। धीरे-धीरे उनकी यह मुहिम रंग ला रही है। संस्थापक सदस्य ताराचंद्र अग्रवाल बताते हैं कि जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद महाराज ने वर्ष 2013 में इस छोटे से बगीचे में तुलसी की पौध रोपकर इसकी शुरुआत की थी। आज इसकी संख्या सैकड़ों तक पहुंच गई है। जो पौधा मांगता है उसे उपलब्ध कराया जाता है।

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दस तरह की तुलसी लगाकर बना लिया 'पौध भंडार'

जानकारों की मानें तो करीब 21 तरह की तुलसी होती है। उनके अलग-अलग गुण भी हैं। संस्था अभी तक दस तरह की तुलसी लगाकर एक बड़ा 'पौध भंडार' बना चुकी है। संस्था के राजेंद्र गोयल बताते हैं कि तुलसी के  सभी प्रकार संस्था के बगीचे में लगाने का प्रयास है, जिससे लोगों को घर-घर तुलसी पहुंचाई जा सके।

उपलब्ध हैं ये तुलसी की किस्में

राजेंद्र गोयल के मुताबिक रामा तुलसी, कृष्णा तुलसी, विष्णु तुलसी, अमृत तुलसी, मीठी तुलसी, नींबू तुलसी, इटालियन तुलसी, वन तुलसी, थाई तुलसी और परपल तुलसी।

पत्तियों में होते हैं ये गुण

आयुर्वेद में तुलसी को एक चमत्कारिक औषधि कहा गया है। यह कई रोगों की दवा है। तुलसी के कम से कम दो पत्तियों का सेवन प्रतिदिन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। म'छरजनित रोग, सर्दी, जुकाम, खांसी जैसे रोग इसके नियमित सेवन से नहीं होते। तुलसी के पत्तों को चबाने के बजाय निगलना चाहिए क्योंकि इसमें पारा होता है, जो दांतों को नुकसान पहुंचाता है। इससे रक्त साफ होता है और त्वचा संबंधी बीमारियां नहीं होतीं।


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