Kamlesh Tiwari Murder Case : खुफिया रडार पर एक नया संगठन और उसकी फंडिंग Lucknow News
कमलेश तिवारी के हत्यारों की स्थानीय मदद की भी आशंका। यूपी में सदस्यों की संख्या 200 से बढ़कर 22 हजार हुई। देश के बाहर से भी संगठन के लिए जुटाया जा रहा है धन।
लखनऊ [निशांत यादव]। कमलेश तिवारी की हत्या बढ़ते कट्टरपंथ का महज एक उदाहरण है। जिस तरह से धर्म के नाम पर नफरत का जहर घोलने की एक बड़ी साजिश रची जा रही है, उससे खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। यह सब बाकायदा एक नया संगठन बनाकर सुनियोजित रूप से हो रहा है। यूपी ही नहीं देश के कई शहरों में अल्पसंख्यकों की आवाज उठाने के नाम पर यह संगठन खड़ा किया गया है।
झारखंड में प्रतिबंध लगने के बावजूद इस संगठन की यूपी के साथ दिल्ली में गतिविधियां बढ़ गई हैं। दक्षिण भारत से इस संगठन के लिंक हैं। बड़े पैमाने पर फंड जुटाने वाले इस संगठन के खर्च का ब्योरा तक उपलब्ध नहीं है। खुफिया एजेंसियों ने इस संगठन के टेरर फंडिंग में जुड़े होने की भी आशंका जताई है। यह संगठन यूपी में बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है। जांच एजेंसियों की मानें तो इसके सदस्यों की संख्या कुछ ही महीने में 200 से बढ़कर 22 हजार हो गई है।
कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपितों को यूपी में मदद करने की आशंका भी ऐसे ही संगठन पर जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक एक सुनियोजित तरीके से इस संगठन को तैयार किया गया है। अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को आर्थिक मदद देकर यह संगठन उनके मन में सामाजिक भेदभाव का विष घोलता है।
कई देशों से जुटा रहे धन
अल्पसंख्यकों के कल्याण के नाम पर यह संगठन कई देशों से धन जुटा रहा है। इस संगठन की गतिविधियां संदिग्ध होने के कारण जहां झारखंड सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया था। जबकि मेरठ में भी इस संगठन के एक कार्यक्रम को इसी साल रद कर दिया गया था। संगठन ने नई दिल्ली में एक बड़ा कार्यक्रम किया था। जिसमें चार बसों से करीब 250 लोग बसों से आगरा एक्सप्रेस-वे के रास्ते दिल्ली पहुंचे थे।
लखनऊ और आसपास बढ़ी सक्रियता
इस संगठन ने एक अभियान के नाम पर लखनऊ के बीकेटी के साथ सीतापुर, बाराबंकी, बहराइच और वाराणसी में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। इसे देखते हुए खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।
आत्मरक्षा के नाम पर दे रहे शस्त्र प्रशिक्षण
देश में इस सगंठन में भर्ती किए जा रहे युवाओं को आत्मरक्षा के नाम पर शस्त्र प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए बकायदा ट्रेनिंग स्थल भी बनाए गए हैं। इसके लिए भी देश के बाहर से फंडिंग की जा रही है। हालांकि यह प्रशिक्षण अभी गोपनीय तरीके से चल रहा है, जिस पर खुफिया एंजेसियां निगाह बनाए हुए है। किसी दिन इसे लेकर भी बड़ा पर्दाफाश हो सकता है।