Move to Jagran APP

उत्तर प्रदेश में हिजबुल के सात आतंकी, लखनऊ में भी ठिकाना

कानपुर में पकड़े गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी कमरुज्जमा के सात साथियों के यूपी में पनाह लेने की बात सामने आ रही है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:39 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 09:05 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में हिजबुल के सात आतंकी, लखनऊ में भी ठिकाना
उत्तर प्रदेश में हिजबुल के सात आतंकी, लखनऊ में भी ठिकाना

कानपुर (अनुज शुक्ल)। कानपुर में पकड़े गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी कमरुज्जमा के सात साथियों के यूपी में पनाह लेने की बात सामने आ रही है। ये सभी लंबे समय से असम से लापता हैं। स्थानीय पुलिस से सुरक्षा एजेंसियां उनका ब्योरा लेकर तलाश में जुटी हैं। सूत्रों के मुताबिक कानपुर में कमरुज्जमा के कमरे में रहने वाले दो युवक असम से गायब लोगों में शामिल हैं। उनसे मिलने आने-जाने वालों के लखनऊ नंबर की गाड़ी का प्रयोग करने से कयास लगाया जा रहा है कि उनके साथी लखनऊ में पनाह लिए हैं। पुलिस ने रेलवे स्टेशन, बस स्टाप, ढाबा, होटल, गणेश पंडाल, धार्मिक स्थल पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

loksabha election banner

बताते हैं कि असम के जमुनामुख, होजाई निवासी कमरुज्जमा से जुड़े लोगों व स्थानीय पुलिस के मुताबिक यह कपड़ा व्यवसाय के सिलसिले में कश्मीर गया और दोबारा नहीं लौटा। उसकी मां सेहरा खातून व भाई रेहमुद्दीन ने गुमशुदगी लिखाई थी। जहां परिवार उसके जाने के बाद एक भी मुलाकात से इन्कार कर रहा है, वहीं पुलिस का मानना है कि एक बार वह असम गया था। इसी तरह इलाके के छह लोगों के लापता होने की बात भी सामने आ रही है। ये भी कश्मीर गए, लेकिन लौटे नहीं।

इसी बीच कमरुज्जमा के कानपुर में पकड़े जाने के बाद स्थानीय टीम पड़ताल करने के लिए रात में पहुंची। टीम ने कमरुज्जमा से जुड़े तथ्य जुटाने के साथ ही अन्य लापता लोगों के हुलिए की भी पड़ताल की। कमरुज्जमा के घर में रेल नीर की बोतलें मिलने से आशंका जताई जा रही है कि वे रेलवे स्टेशन की निगरानी कर रहे थे और इनके निशाने पर रेलवे स्टेशन भी था।

दहशत में किराएदार, घरों में नहीं बना खाना

आंखों में दहशत तो दरवाजे की हर आहट पर सहम जाना। यह हाल है उजियारी लाल के मकान में रहने वाले किराएदारों का। जो मकान में रहने वाले आतंकवादी कमरूज्जमा के पकड़े जाने के बाद से बेहद डरे हुए हैं। किसी भी किराएदार के यहां खाना नहीं बना और सबका यही कहना है कि घटना के बाद से खाने का एक निवाला भी हलक के नीचे नहीं उतर रहा।

मकान में रहने वाली पूजा उत्तम ज्यादा पूछने पर रोने लगती हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि पड़ोस में एक आतंकवादी रहता था। लगातार उनके मोबाइल पर नाते रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं। सब आतंकवादी के बारे में पूछताछ और उनके सुरक्षित होने की तसल्ली कर रहे हैं। सुबह चाय बनाकर उन्होंने पति देवेंद्र को काम पर तो भेज दिया लेकिन, खाना नहीं बनाया।

यही हाल गौरंगू लाल बंगाली दादा के घर का भी है। उनके यहां भी खाना नहीं बना। लखनऊ निवासी उनकी बेटी व नातिन उनका ख्याल रखने के लिए यहां पर रुक गए हैं। बाकी किराएदार कहते हैं कि गेट पर जैसे ही कोई आहट होती है उन्हें डर लगने लगता है। पता नहीं कब कौन कहां से आ जाए। किराएदार अब दूसरी जगह कमरा लेने की सोच रहे हैं। उनका कहना है कि अब इस मकान की बदनामी हो चुकी है, सभी आतंकवादी के रहने वाला घर कहकर बोलते हैं। अब वह यहां नही रहेंगे और परिवार समेत दूसरी जगह जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.