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69000 शिक्षक भर्ती में यूपी सरकार को बड़ी राहत, कोर्ट ने कहा- चयन प्रक्रिया जारी रखने को स्वतंत्र

Lucknow Bench Give Relief To Yogi Adityanath Government 69000 शिक्षक भर्ती की उत्तरमाला के मामले में स्पेशल अपील पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की डबल बेंच ने बड़ी राहत दी

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 12:13 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 07:23 AM (IST)
69000 शिक्षक भर्ती में यूपी सरकार को बड़ी राहत, कोर्ट ने कहा- चयन प्रक्रिया जारी रखने को स्वतंत्र
69000 शिक्षक भर्ती में यूपी सरकार को बड़ी राहत, कोर्ट ने कहा- चयन प्रक्रिया जारी रखने को स्वतंत्र

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की डबल बेंच ने बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को हाई कोर्ट की एकल पीठ के तीन जून को पारित उस अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें पूरी भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने नौ जून को 69000 पदों में से 37339 पदों को शिक्षा मित्रों के लिए सुरक्षित रखते हुए उक्त पदों को भरने पर रोक का आदेश जारी कर दिया है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट लखनऊ खंडपीठ ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि 37339 पदों को छोड़ शेष बचे पदों पर सरकार भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है।

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यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल एवं जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार की परीक्षा नियंत्रक प्राधिकरण की ओर से एकल पीठ के 3 जून के आदेश को चुनौती देते हुए दायर तीन विशेष अपीलों पर पारित किया है।

उल्लेखनीय है कि एकल पीठ ने सरकार द्वारा आठ मई 2020 को घोषित परीक्षा परिणाम पर सवालिया निशान लगाते हुए कुछ प्रश्नों एवं उत्तर कुंजी पर भ्रम की स्थिति पाते हुए पूरी चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। डिवीजन बेंच ने परीक्षा प्राधिकरण की ओर से दिए गए तर्कों पर प्रथम दृष्टया विचार करने पर पाया कि एकल पीठ ने स्वयं कहा था कि यदि प्रश्नों व उत्तर कुंजी में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति हो तो ऐसे में परीक्षा कराने वाली संस्था को भ्रम का लाभ दिया जाता है, तो ऐसे में उक्त टिप्पणी के खिलाफ जाकर परीक्षा प्राधिकरण की ओर से प्रस्तुत जवाब को सही न मानकर पूरे मामले को यूजीसी को भेजने का कोई औचित्य नहीं था।

हाई कोर्ट लखनऊ खंडपीठ ने यह भी पाया कि एकल पीठ ने परीक्षा नियंत्रक प्राधिकरण के इस तर्क पर भी उचित ध्यान नहीं दिया कि रिट याचिका इसलिए पोषणीय नहीं थी क्योंकि असफल अभ्यर्थियों ने सभी सफल अभ्यर्थियों को याचिकाओं में पक्षकार नहीं बनाया था। बेंच ने परीक्षा नियंत्रक की तीनों अपीलों को विस्तृत सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए उक्त अपीलों में प्रतिवादी बनाए गए सभी अभ्यर्थियों को नोटिस भेजने का आदेश दिया है। ताकि वे दस सप्ताह में अपना जवाब दाखिल कर सकें।

मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन दाखिल : बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन दाखिल कर दी है। सरकार शीर्ष कोर्ट के आदेश का इंतजार करेगी। सुप्रीम कोर्ट का जैसा आदेश होगा, उसके अनुसार 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में कदम बढ़ाएगी।


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