Move to Jagran APP

World Elder Abuse Awareness Day: 62.1 प्रतिशत बुजुर्गों को लगता महामारी ने बढ़ाया दुर्व्यवहार, हेल्‍पेज इंडिया ने छह शहरों में किया सर्वे

बुजुर्गों के लिए काम कर रही संस्था हेल्पएज इंडिया ने विश्व बुजुर्ग दुर्व्‍यवहार जागरूकता दिवस पर सर्वे रिपोर्ट जारी किया है। छह शहरों में हुए सर्वेक्षण में देश के बुजुर्गों के दिलों में घर कर गए डर को उजागर किया गया है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 02:54 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 08:07 AM (IST)
World Elder Abuse Awareness Day: 62.1 प्रतिशत बुजुर्गों को लगता महामारी ने बढ़ाया दुर्व्यवहार, हेल्‍पेज इंडिया ने छह शहरों में किया सर्वे
हेल्पएज इंडिया ने विश्व बुजुर्ग दुर्व्‍यवहार जागरूकता दिवस पर अपनी सर्वे रिपोर्ट की जारी

लखनऊ, जेएनएन। 43.1 प्रतिशत वरिष्ठजन को लगता है कि समाज में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार प्रचलित है। जबकि, 15.6 फीसद ने कहा कि वे दुर्व्यवहार के शिकार हैं। 62.1 प्रतिशत ने महसूस किया कि कोरोना के दौरान दुर्व्‍यवहार का खतरा बढ़ गया है। बुजुर्गों के लिए काम कर रही संस्था हेल्पएज इंडिया ने विश्व बुजुर्ग दुर्व्‍यवहार  जागरूकता दिवस पर अपनी सर्वे रिपोर्ट जारी की। छह शहरों में हुए सर्वेक्षण रिपोर्ट ने देश के बुजुर्गों के दिलों में घर कर गए डर को उजागर किया है। साथ ही घरेलू परिवेश और ओल्ड एज होम में रहने वालों के जीवन में प्रभाव का आकलन भी किया गया।

loksabha election banner

रिपोर्ट के अनुसार कोरोना ने बुजुर्गों के शारीरिक से ज्यादा उनके मानसिक स्वास्थ्य को ज्यादा प्रभावित किया है। रिपोर्ट बुजुर्गों के डर, चिंता, अकेलेपन की भावना और बढ़ती निर्भरता के कारण दुर्व्यवहार के बढ़ते जोखिम को सामने लाती है। हेल्पएज इंडिया के सीईओ रोहित प्रसाद ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई आदि को कवर करते हुए सर्वे किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 58.6 प्रतिशत बुजुर्गों के परिवार के सदस्य थे, जिनके परिवार के लोग वर्क फ्राम होम करते थे। दिन भर इतनी निकटता में रहने के बावजूद 20.5 प्रतिशत बुजुर्ग चाहते थे कि कोई उनके साथ रहे, और 35.7 प्रतिशत बुजुर्ग चाहते थे कि कोई उन्हें सिर्फ बात करने के लिए बुलाए, जबकि 13.7 प्रतिशत ने खुद को फंसा हुआ और निराश महसूस किया।

कोविड-19 के कारण 20.8 प्रतिशत बुजुर्गों ने या तो अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को खो दिया था। इनमें से, जब उनसे पूछा गया कि उनके जीवन को बचाने के लिए बेहतर क्या किया जा सकता है, तो 50.8 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि एक बेहतर चिकित्सा, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा, 44.4 प्रतिशत ने वैक्सीन की उपलब्धता और 38.7 प्रतिशत ने कहा कि दवाओं की उपलब्धता है।42.1 प्रतिशत बुजुर्ग अस्पताल में भर्ती होने से सबसे अधिक चिंतित थे। 34.2 प्रतिशत अलग-थलग होने से चिंतित थे। 11.5 प्रतिशत को मृत्यु का भय था।

बढ़ती वित्तीय निर्भरता

एक और बड़ी चिंता बुजुर्गों की दूसरों पर बढ़ती वित्तीय निर्भरता थी, जिसमें 41.1 प्रतिशत बुजुर्ग अपने परिवार के सदस्यों पर निर्भर थे, इनमें से 70.2 प्रतिशत, 80-89 वर्ष के आयु वर्ग के थे। 52.2 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि कोविड ने बुजुर्गों की आय धारा को बेहद प्रभावित किया है, उनकी आय प्रभावित हुई है।

स्वास्थ्य समस्याएं तमाम

महामारी के दौरान 52.4 प्रतिशत बुजुर्गों को जोड़ों के दर्द का सामना करना कठिन हो गया। 44.9 प्रतिशत को चलने में कठिनाई होती थी, जबकि 24.4 प्रतिशत की दृष्टि खराब थी और 13.8 प्रतिशत को याद रखने में समस्या थी या एकाग्रता की कमी से पीड़ित थे।

बुजुर्गों में जागरूकता की भी कमी नहीं 

77.5 प्रतिशत बुजुर्ग कोरोना से प्रभावित होने से बचने के लिए कोविड के उचित व्यवहार से अवगत थे। जबकि 58.2 प्रतिशत बुजुर्गों को पता था कि एक टीका विकसित किया गया है, 41.8 प्रतिशत को पता नहीं था कि कोई टीका विकसित किया गया है। 78.7 प्रतिशत बुजुर्गों ने महसूस किया कि टीका लगवाना वास्तव में महत्वपूर्ण था। 66.6 प्रतिशत बुजुर्गों को उनके टीकाकरण की कम से कम एक खुराक मिली थी। 61.2 प्रतिशत बुजुर्गों ने महसूस किया कि वे टीकाकरण के बाद बीमारी से पूरी तरह से प्रतिरक्षित हो जाएंगे।

बेटे और बहू करते दुर्व्‍यवहार

बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले मुख्यतः बेटे (43.8 प्रतिशत) और बहू (27.8 प्रतिशत) थे। हैरानी की बात यह है कि 14.2 प्रतिशत ने कहा कि उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाली उनकी बेटी हैं। रैंकिंग के आधार पर - भावनात्मक शोषण (60.1 प्रतिशत) दुर्व्यवहार का मुख्य रूप था, इसके बाद वित्तीय दुरुपयोग (61.6 प्रतिशत) और शारीरिक शोषण (58.6 प्रतिशत) हुआ।

ओल्ड एज होम के बुजुर्ग

50 प्रतिशत वृद्धाश्रमों ने कहा कि उन्हें महामारी के दौरान धन की कमी का सामना करना पड़ा। 37 प्रतिशत ने कहा कि वृद्धाश्रम में कोई आइसोलेशन या क्वारंटाइन रूम नहीं बनाया गया है। वृद्धाश्रम में रहने वाले 36.1 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि समाज में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार प्रचलित है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.