Move to Jagran APP

New Education Policy: स्नातक स्तर के 62 पाठ्यक्रम तैयार, सभी विश्वविद्यालयों को 70 प्रतिशत समान रखने के निर्देश

विश्वविद्यालयों के लिए त्रिवर्षीय स्नातक स्तर के 62 पाठ्यक्रम तैयार कर लिए गए हैं। बीए बीएससी व बीकाम में नया पाठ्यक्रम च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत इसी सत्र से लागू होना है। सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों को न्यूनतम 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम समान रखने के निर्देश हैं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 12:00 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 12:00 PM (IST)
New Education Policy: स्नातक स्तर के 62 पाठ्यक्रम तैयार, सभी विश्वविद्यालयों को 70 प्रतिशत समान रखने के निर्देश
यह व्यवस्था चिकित्सा व तकनीकी शिक्षा के अतिरिक्त सभी संकायों पर समान रूप से लागू होगी।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। विश्वविद्यालयों के लिए त्रिवर्षीय स्नातक (तीन विषय विकल्प आधारित) स्तर के 62 पाठ्यक्रम तैयार कर लिए गए हैं। बीए, बीएससी व बीकाम में नया पाठ्यक्रम च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत इसी सत्र से लागू होना है। सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों को न्यूनतम 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम समान रखने के निर्देश हैं। वहीं, स्नातक शोध व परास्नातक विषयों के पाठ्यक्रम की सूची बाद में जारी होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू किए जाने के लिए 20 अप्रैल को शासनादेश जारी हुआ और पाठ्यक्रम तैयार करके उप्र राज्य उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करा दिया गया है।

loksabha election banner

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने बताया कि वेबसाइट पर दिए गए विषयों के अलावा यदि किसी विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर कोई अन्य विषय संचालित है तो उसका पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए तीन विशेषज्ञों का नाम गूगल लिंक पर एक सप्ताह में उपलब्ध कराएं। यदि कोई विषय एक से अधिक विश्वविद्यालय में चल रहा है तो वह सभी विश्वविद्यालयों में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम के तहत लागू होगा। उन विश्वविद्यालयों की ओर से उपलब्ध कराए गए विशेषज्ञों को शामिल करते हुए विषय विशेषज्ञ समूह गठित किया जाएगा। स्नातक तृतीय वर्ष में संचालित मुख्य विषय का किसी पेपर का इलेक्टिव पेपर के रूप में अन्य पाठ्यक्रम का सुझाव विशेषज्ञ दे सकते हैं। शासन का निर्देश है कि विश्वविद्यालय उपलब्ध कराए गए पाठ्यक्रम में से कम से कम 70 प्रतिशत समान रखेंगे।

उदाहरण के लिए यदि किसी पेपर के लिए तैयार किए गए न्यूनतम पाठ्यक्रम में 100 टापिक हैं तो विश्वविद्यालय उनमें से कम से कम 70 टापिक रखेंगे। उसके अलावा विश्वविद्यालय आवश्यकता के अनुरूप कितने ही टापिक रख सकता है। यह व्यवस्था चिकित्सा व तकनीकी शिक्षा के अतिरिक्त सभी संकायों पर समान रूप से लागू होगी। विधि, शिक्षक शिक्षा यानी बीएड, एमएड आदि का निर्धारण एनईपी के अनुरूप नया पाठ्यक्रम आने पर किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि स्नातक शोध व स्नातकोत्तर का नया पाठ्यक्रम शैक्षिक सत्र 2022-23 से लागू होगा। बीए, बीएससी आनर्स, एकल विषय स्नातक व पीएचडी में नई व्यवस्था भी 2022-23 से ही लागू होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.