अंबानी परिवार के खास दर्शन में टूटी 59 वर्ष पुरानी परंपरा
लखनऊ। वाराणसी में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को काशी विश्वनाथ का वीवीआइपी दर्शन
लखनऊ। वाराणसी में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को काशी विश्वनाथ का वीवीआइपी दर्शन कराने में मंदिर प्रशासन ने 59 वर्षो से ज्ञानवापी प्रांगण में चली आ रही रामचरित मानस नवाह्न पाठ महायज्ञ की परंपरा तोड़ दी।
सुंदरकांड के लिए पहुंची भजन मंडली और अन्य सदस्यों को ज्ञानवापी क्रासिंग पर रोके रखा गया। इससे कीर्तन और रामदरबार की आरती एक घंटे विलंब से हो सकी। कल इसका आक्रोश सड़क पर आ गया। सुबह सात बजे 108 भूदेवों (रामायण पाठ करने वाले) ने ज्ञानवापी क्रासिंग पर धरना दे दिया। सड़क पर बैठे और प्रशासन को सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया। विधायक और नागरिकों ने भी समर्थन दिया। कुछ ही देर में सड़क जाम हो गई और जाम में फंसे लोग भी चालीसा की चौपाई दोहराते खड़े रहे।
परंपरा के तहत हर साल कार्तिक मास में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी प्रांगण में रामचरित मानस का पाठ किया जाता है। इसकी शुरुआत 11 ब्राह्मणों ने 59 साल पहले शुरू की थी। पूरे कार्तिक माह तक रोजाना सुबह सात से दो बजे तक पूजन-पाठ और शाम को छह बजे से रात आठ बजे भजन-कीर्तन किया जाता है। इसी के लिए शनिवार शाम पांच बजे छत्ताद्वार पहुंची भजन मंडली और अन्य सदस्यों को बाहर ही रोक दिया गया। प्रभु काज में देर होने की गुहार और मनुहार भी काम न आई। छह बजे के बाद परिसर में पहुंचकर सभी ने पूजन की रस्म निभाई और मंदिर की बजाय सड़क पर ही अनुष्ठान की चेतावनी भी दे दी थी। सुबह की पाली में इसका क्रियान्वयन भी कर दिया। समिति से जुड़े श्रीकृष्ण शर्मा ने बताया कि शनिवार को भजन मंडली को रोके जाने से प्रभु का कीर्तन और आरती एक घंटे विलंब से की जा सकी। वैसे भी मंदिर के सुरक्षाकर्मी पास होने के बाद भी महायज्ञ से जुड़े लोगों को कतार में लगवा देते हैं, इससे भोग प्रसाद ज्ञानवापी प्रांगण स्थित यज्ञ स्थल पर देर से पहुंचता है।
ज्ञानवापी क्रासिंग पर धरना प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस व सुरक्षा बल की सांस फूल गई। पुलिस अफसरों ने मौके पर पहुंचकर लाइन में न लगवाए जाने का आश्वासन दिया। भरोसा दिया कि पूजन से जुड़े लोगों को चेक कर तुरंत परिसर में भेज दिया जाएगा, किसी वीआइपी के आने पर भी इससे छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। तब जाकर धरना समाप्त हुआ।