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ऐसे शुरू हुई लंगर सेवा, पिता के आदेश पर गुरु नानक देव ने किया था यह सच्‍चा सौदा Lucknow news

गुरुद्वारे में नहीं डीएवी मैदान सजेगा दरबार। 12 नवंबर को मनेगा गुरु नानक देव का 550 वां प्रकाशोत्सव। तीन नवंबर को निकलेगी नगर कीर्तन यात्रा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 05:26 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 08:17 AM (IST)
ऐसे शुरू हुई लंगर सेवा, पिता के आदेश पर गुरु नानक देव ने किया था यह सच्‍चा सौदा Lucknow news
ऐसे शुरू हुई लंगर सेवा, पिता के आदेश पर गुरु नानक देव ने किया था यह सच्‍चा सौदा Lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। सिखों के पहले गुरु नानक देव का 550वें प्रकाशोत्सव को लेकर राजधानी के गुरुद्वारों में तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए गुरुद्वारे के बजाय डीएवी कॉलेज मैदान में प्रकाशोत्सव मनाने का निर्णय लिया। इससे पहले गुरुद्वारा नाका हिंडोला से तीन नवंबर को गाजेबाजे के साथ नगर कीर्तन यात्रा निकाली जाएगी। गतका दल के साथ निकलने वाली यात्रा में सिख समाज के लोग शामिल होंगे।

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सिख समाज के साहित्यकार डॉ.सतेंद्र पाल सिंह ने बताया कि गुरु नानक देव के पिता कल्यान चंद उर्फ मेहता कालू जी ने उन्हें 20 रुपये बिजनेस के लिए दिए थे, लेकिन उन्होंने उस 20 रुपये में लोगों को भोजन करा दिया था। पिता जी ने सच्चा सौदा करने की बात कही थी और नानक देव ने भूखे को भोजन कराने की परंपरा का निर्वहन किया सबसे बड़ा सौदा कर दिया। इसके बाद से लंगर सेवा शुरू हो गई।

नाका में घर-घर मांगा जाता था लंगर

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्‍यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि 1898 में स्थापित गुरुद्वारा नाका हिंडोला में आर्यनगर और पंजाबी मुहल्ले से बचा भोजन सुबह मांगा जाता था। सेवादार बाल्टियां लेकर घर-घर दाल, सब्जी, रोटी और चावल मांग कर लाते थे। दोपहर एक बजे गरीबों को यह भोजन बांटा जाता था। भोजन वितरण की यह शुरू हुई परंपरा अभी भी कायम है। गुरु पर्व हो या न हो यहां हर दिन एक बजे गुरु के नाम पर लंगर सेवा होती है। परसादा (रोटी) बनाने के लिए मशीन का इस्तेमाल होता है। गुरुद्वारे में किशन सिंह, कुलवंत कौर व नीतू कौर के अलावा कई लोग लंगर सेवा करते हैं।

इस दिन सुबह गुरुद्वारा नाका हिंडोला से बैंड बाजे के साथ फूलों से सजी गुरुग्रंथ साहिब की सवारी डीएवी कॉलेज मैदान जाएगी। सिख समाज के लोग फूलों की बारिश के बीच सवारी का रास्तेभर स्वागत करेंगे। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि रागी भाई राजिंदर सिंह के आसादीवार के बाद अमृतसर से आए रागी भाई सुखजीत सिंह शबद सुनाकर सभी को निहाल करेंगे। मैदान में ज्ञानी जसवंत सिंह, भाई हरदीप सिंह व भाई सुरजीत सिंह समेत कई प्रसिद्ध रागी शबद पेशकर सभी को निहाल करेंगे। डीएवी कॉलेज मैदान में इस बार लंगर भी खास होगा। बड़ों के साथ युवाओं की टोली लंगर सेवा करेगी। 

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