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यूपी बोर्डः कक्षा 9 व 11 में 54 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत

इस साल 54 लाख 12 हजार से अधिक का पंजीकरण हो गया है, जो पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब 13 लाख कम है। माना जा रहा है कि आधार नंबर व तकनीक के कारण छात्र-छात्राएं घटे हैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 17 Oct 2017 11:44 AM (IST)Updated: Tue, 17 Oct 2017 11:44 AM (IST)
यूपी बोर्डः कक्षा 9 व 11 में 54 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत
यूपी बोर्डः कक्षा 9 व 11 में 54 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत

इलाहाबाद (जेएनएन)।  यूपी बोर्ड के कक्षा 9 व 11 के छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन पंजीकरण की बढ़ी समय सीमा पूरी हो गई है। इसमें 75 हजार से अधिक नए छात्र-छात्राएं पंजीकृत हुए हैं। पंजीकरण का नया आंकड़ा बढ़कर 54 लाख 12 हजार से अधिक हो गया है, जो पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब 13 लाख कम है। माना जा रहा है कि आधार नंबर व तकनीक के कारण छात्र-छात्राएं घटे हैं।

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माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की ओर से इस बार कक्षा नौ व 11 के छात्र-छात्राओं का पंजीकरण कराने का निर्देश देरी से जारी हुआ। बीते दो सितंबर को बोर्ड सचिव ने ऑनलाइन पंजीकरण कराने का आदेश जारी किया। यह प्रक्रिया एक अक्टूबर चली। इसके लिए तीन सितंबर से वेबसाइट चल रही थी। इसी बीच बोर्ड ने पूर्वांचल में बाढ़ आने पर हाईस्कूल व इंटर के परीक्षा फार्म भरने का मौका भी दिया। इससे तमाम स्कूल संचालक परीक्षा फार्म भरवाने में ही जूझते रहे और वह पंजीकरण नहीं करा सके।

ऐसे में शासन ने पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने का आदेश दिया। 15 अक्टूबर को मध्यरात्रि में यह मियाद भी पूरी हो गई। इसमें 54 लाख 12 हजार 494 छात्र-छात्राओं के पंजीकरण हुए हैं। इसमें कक्षा 9 में 30 लाख 50 हजार 998 व कक्षा 11 में 23 लाख 61 हजार 494 ने पंजीकरण करा लिया है, जो पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब 13 लाख कम है। ज्ञात हो कि बीते वर्ष करीब 67 लाख छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया था।


छात्र-छात्राओं के कम पंजीकरण होने की कई वजहें प्रमुख हैं। इस बार पंजीकरण में आधार नंबर अनिवार्य किया गया था, इससे फर्जी अंकन संभव नहीं हो सका। तमाम ऐसे विद्यालय दिख रहे हैं, जहां से एक भी छात्र या छात्रा पंजीकरण नहीं हुआ है। पिछले वर्षों में आधार नंबर अनिवार्य न होने पर संचालक विद्यालय की मान्यता बनी रहे इसलिए वहां से फर्जी छात्रों का पंजीकरण कराते रहे हैं, बोर्ड सचिव ने इस बार सभी डीआइओएस को निर्देश था कि वह स्कूलों का निरीक्षण करें और जहां पर पर्याप्त संसाधन नहीं है उन विद्यालयों में अधिक संख्या में छात्र-छात्राओं का प्रवेश न होने दें। इसका भी असर पंजीकरण कार्य में दिखा है।  


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