फल सब्जी भाड़े में किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान, शीतगृह व वेयरहाउस में भंडारण करने पर भी मिलेगी मदद
आपरेशन ग्रीन के तहत किसानों को अपनी उपज कम आवक वाले बाजारों में बेचने के लिए लेकर जाने पर परिवहन भाड़े का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। फल और सब्जियों का अधिक उत्पादन होने पर किसानों को अब अपनी उपज सड़कों पर फेंकने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। आपरेशन ग्रीन के तहत किसानों को अपनी उपज कम आवक वाले बाजारों में बेचने के लिए लेकर जाने पर परिवहन भाड़े का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। किसानों को यह मदद शीतगृह व वेयरहाउस में भंडारण करने की स्थिति में भी 50 प्रतिशत अनुदान की सुविधा मिलेगी।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत यह योजना अभी छह माह के लिए लागू की गई है। आवश्यकता पड़ने पर इसको आगे बढ़ाया जा सकता है। फल सब्जी उत्पादक कलस्टर इस योजना में पात्र होंगे। अभी इसमे केला व आंवला के चार-चार, अमरूद के 15, आम के 16, बींस सेम के नौ, लौकी के 20 बैंगन के 23, बंद गोभी के 13, शिमला मिर्च के 15, फूल गोभी के 28, हरी मिर्च के 17, भिंडी के 24, प्याज के 26, मटर के दस, आलू के 17, मूली के 20, शकरकंद के 12, टमाटर के 19 व तरबूज के दस कलेस्टर को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ कोई भी प्रसंस्करणकर्ता, सहकारी समिति, व्यक्तिगत किसान, एफपीओ, निर्यातक व लाइसेंस धारी कमीशन एजेंट भी ले सकता है।
गत तीन वर्ष के औसत मूल्य से कम दाम जरूरी : उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि योजना का लाभ तब ही मिलेगा जब स्थानीय बाजार में फल व सब्जी का दाम गत तीन वर्ष के औसत मूल्य से कम हो अथवा गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत तक कीमतें कम हो जाए। परिवहन भाड़ा किसान, सहकारी समिति, एफपीओ, निर्यातक व कमीशन एजेंट को कम से कम सौ किलोमीटर के लिए तथा फुटकर व्यापारी व राज्य सहकारी विपणन संघ को न्यूनतम 250 किलोमीटर तक दिया जाएगा। मौर्य ने बताया कि भुगतान बैंक के माध्यम से होगा और छह माह में एक करोड़ रुपये की अनुदान सीमा होगी। भंडारण व परिवहन पर लगने वाले टैक्स पर अनुदान सुविधा नहीं दी जाएगी।