लखनऊ पॉलीेटेक्निक में दिखा कारोना संक्रमण का असर, खाली रह गईं 48 फीसद सीटें
काउंसिलिंग के समापन के साथ ही पढ़ाई पर जोर देने की कवायद भी शुरू हो गई है। सोमवार से संस्थानों में पढ़ाई को लेकर नई रणनीति बनाएंगे। हालांकि अखिल भारतीय तकनीकी परिषद ने 31 दिसंबर तक प्रवेश संबंधित मामले निपटाने का अवसर दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के असर से प्राविधिक शिक्षा विभाग भी नहीं बच सका है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से होने वाली पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा और काउंसिलिंग की कतार लगती थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ। निधार्रित सीट से अधिक आवेदन तो हुए, लेेकिन कुल सीटों के मुकाबले करीब 4500 कम अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा में भाग लिया। बिना परीक्षा के करीब डेढ़ लाख को प्रवेश का पहली बार अवसर दिया गया, लेकिन अंतिम चरण में भी सीटें खाली रह गईं।
निजी, अनुदानित व सरकारी संस्थानों में मिलाकर 48 फीसद सीटें अभी खाली हैं. शनिवार को अंतिम चरण में 6308 को प्रवेश का अवसर दिया गया। फीस जमा करने के साथ ही प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई। प्रदेश की 19 अनुदानित संस्थानों में 25 फीसद सीटें खाली बची हैं. जबकि 1202 निजी संस्थानों में अभी भी 60 फीसद सीटें खाली हैं। सेल्फ फाइनेंस की करीब 1.14 लाख सीटें खाली रह गईं।
काउंसिलिंग के समापन के साथ ही पढ़ाई पर जोर देने की कवायद भी शुरू हो गई है। सोमवार से संस्थानों में पढ़ाई को लेकर नई रणनीति बनाएंगे। हालांकि अखिल भारतीय तकनीकी परिषद ने 31 दिसंबर तक प्रवेश संबंधित मामले निपटाने का अवसर दिया है जो पहले पांच दिसंबर थी। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव एसके वैश्य ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया समाप्त हो गई है। करीब 52 फीसद सीटें खाली रह गई हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद प्रवेश प्रक्रिया को समाप्त करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर कर दी है। इस दौरान काउंसिलिंग के बावजूद प्रवेश न ले पाने वाले विद्यार्थियों को अवसर दिया जाएगा। विद्यार्थियों की प्रवेश संबंधित अन्य समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।