LDA की जद में नहीं आएंगे लीडा के लखनऊ के 45 गांव
लीडा के पास कानपुर रोड के लखनऊ और उन्नाव के 84 गांव। लखनऊ के 45 गांवों को एलडीए में देना का पास किया था प्रस्ताव। मगर एलडीए खुद विकसित करेगा उद्योग और नगरीय सुविधाएं।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गांवों का विलय नहीं होगा। लीडा के कुल 84 गांव जिनमें से 45 लखनऊ सीमा में और 39 उन्नाव की नवाबगंज तहसील के हैं।
लीडा की बोर्ड मीटिंग में कानपुर रोड के इन गांवों को विकसित करने के लिए कई तरह की छूट विकासकर्ताओं को देने का फैसला किया गया है। ताकि यहां उद्योगों के साथ आवासीय और व्यवसायिक गतिविधियां करवाई जा सके। 25 एकड़ की जगह 50 एकड़ की इंटीग्रेटेड टाउनशिप में पार्क के निर्माण की बाध्यता तय की गई है। 25 करोड़ रुपए वाह्य विकास के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे।
शासन के नए नियमों के तहत विकासकर्ताओं को अधिक ऊंचाई के मानक दिए जाएंगे। इसके अलावा पार्क और अन्य निर्माणों को लेकर भी कई राहतें दिए जाने का फैसला बोर्ड मीटिंग में किया गया है।सचिव अवस्थापना आलोक कुमार की अध्यक्षता में ये मीटिंग की गई। इस मीटिंग को लेकर लीडा के वरिष्ठ प्रबंधक ओपी सिंह ने बताया कि लीडा के जिन गांवों को एलडीए में शामिल करने का प्रस्ताव था, उसको वापस ले लिया गया है। गांव अब लीडा में ही रहेंगे। कानपुर रोड पर लीडा अपने क्षेत्र का नए सिरे से विकास करवाएगा।
मुख्य रूप से ये प्रस्ताव पास हुए बोर्ड मीटिंग
- पार्क की अनुमन्यता 25 एकड़ की जगह 50 एकड़ में होगी।
- 60 फीसद तक कवर एरिया ले सकेंगे विकासकर्ता।
- 24 मीटर सड़क पर ढाई फ्लोर एरिया रेश्यो स्वीकृत होगा। जबकि एक फीसद पर्चेजबल एफएआर मिलेगा।
- रोड सर्कुलेशन एरिया को विकसित किया जाएगा। करीब 25 करोड़ रुपए से विकास के काम भी होंगे।