अब सूबे में खुलेंगे 41 नए फार्मेसी कॉलेज, नए शैक्षिक सत्र 2018-19 से होंगे दाखिले
बीफॉर्मा में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स को मिला बड़ा तोहफा। नए शैक्षिक सत्र 201
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से संबद्धता लेने की अंतिम तारीख खत्म हो चुकी है। इस बार सूबे में 41 नए फार्मेसी कॉलेज खुलेंगे। इन्हें ने संबद्धता दी है। ऐसे में बीफॉर्मा कोर्सेज में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को बड़ा तोहफा मिल गया है। नए शैक्षिक सत्र 2018-19 से इन कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं, पाच नए मैनेजमेंट कॉलेज भी इस बार खुलेंगे। अभी तक इन मैनेजमेंट कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) कोर्स चलाया जा रहा था अब यहा पर एमबीए कोर्स की पढ़ाई होगी। वहीं दो मैनेजमेंट कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने एमबीए कोर्स चलाने के लिए दोबारा अपनी संबद्धता का नवीनीकरण करवाया है। अभी तक से संबद्ध कॉलेजों की संख्या 592 थी, लेकिन अब यह बढ़कर 597 हो गई है। प्रशासन ने बताया कि इस बार 23 इंजीनियरिंग कॉलेजों ने अपनी संबद्धता के नवीनीकरण के लिए निर्धारित समय सीमा तक आवेदन नहीं किया। वहीं, 31 इंजीनियरिंग कॉलेज ऐसे हैं जिन पर अब ताला लग जाएगा। इसमें से कई को तत्काल बंद करने और कुछ को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
फिलहाल कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक का फोकस गुणवत्तापरक शिक्षा देने पर है। उन्होंने इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह क्वालिटी एजुकेशन पर अधिक से अधिक जोर दें और अच्छी फैकल्टी रखें। विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं दी जाएं ताकि कॉलेज की शिकायत लेकर वह यूनिवर्सिटी तक न आएं। फिलहाल नए सत्र से क्लास रूम टीचिंग अच्छे ढंग से हो और विद्यार्थी प्रतिदिन कक्षाओं में आएं इसकी प्रभावी मॉनीटरिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। देर से भरा फॉर्म, आननफानन करवा रहे इम्तिहान
एकेटीयू की सम सेमेस्टर की परीक्षाएं 12 मई से शुरू हो गई हैं और कई विषयों का परीक्षा कार्यक्त्रम अब घोषित किया जा रहा है। करीब एक हफ्ते बाद करीब 24 विषयों के परीक्षा कार्यक्रम घोषित किए गए हैं। इसके पीछे प्रशासन का तर्क है कि विद्यार्थियों ने देर से परीक्षा फॉर्म भरे। ऐसे में प्रश्नपत्र बनाए जाने की सूचना भी देर से मिली। यही कारण है कि परीक्षा के बीच में अब इन विषयों का परीक्षा कार्यक्त्रम घोषित किया गया। मुख्य परीक्षा कार्यक्रम से छूट गए विषयों की परीक्षाएं पाच जून तक चलेंगी। उधर संस्थानों का कहना है कि के स्तर पर त्रुटि हुई है। एक सेमेस्टर में कितने विषयों की परीक्षाएं होनी हैं इस पर ध्यान नहीं दिया गया।