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एलडीए समेत 44 सरकारी दफ्तर बिजली विभाग को लगा रहे चूना, करोड़ों का बिल बकाया Lucknow News

लखनऊ विकास प्राधिकरण पर 41 करोड़ रुपयों का बकाया। एलडीए के अलावा 44 विभागों पर बिजली विभाग का कर्जा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 09:13 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 09:13 AM (IST)
एलडीए समेत 44 सरकारी दफ्तर बिजली विभाग को लगा रहे चूना, करोड़ों का बिल बकाया Lucknow News
एलडीए समेत 44 सरकारी दफ्तर बिजली विभाग को लगा रहे चूना, करोड़ों का बिल बकाया Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। सिर्फ एक योजना से दो सौ करोड़ का राजस्व एकत्रित करने वाला लखनऊ विकास प्राधिकरण बिजली विभाग का कर्जदार है। एलडीए 41 करोड़ का बिजली बिल नहीं दे पा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल आबकारी विभाग, जल संस्थान, सिंचाई, उद्यान, समाज कल्याण, राज्य संपत्ति और लोक निर्माण जैसे विभागों का है। बिजली विभाग की सूची में 44 सरकारी विभाग ऐसे हैं, जिन पर 27,700.62 लाख का बिजली बिल बाकी है। यह हाल सिर्फ राजधानी लखनऊ का है। तमाम पत्रचार के बाद भी ये विभाग बिल देने से कतरा रहे हैं। 

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मध्यांचल के अधिकारी कहते हैं कि सरकारी महकमे अपना बिल नहीं दे रहे हैं और मुफ्त की बिजली जला रहे हैं। राजधानी के ट्रांस गोमती क्षेत्र में 5,217.95 लाख का बकाया है। वहीं सिस गोमती में 22,482.68 लाख का बिजली बिल बाकी है। 

पोस्ट पेड उखाड़कर लगेंगे प्रीपेड मीटर : वाणिज्य अधिकारियों को पूरी रूपरेखा बनाकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। पहले ऊर्जा मंत्री के यहां प्रीपेड मीटर लगेगा, फिर लखनऊ के सभी सरकारी विभागों में मीटर चरणबद्ध तरीके से लगाए जाएंगे। 

सरकारी महकमों पर बिजली बिल बकाया : कृषि विभाग पर 358.38 लाख बाकी, पशुधन पर 28.98 लाख, एलडीए पर 411.05 करोड़, आबकारी विभाग पर 98 हजार, जल संस्थान के ऊपर 13,044.29 लाख, अन्य विभाग पर 43,63.03 लाख, सिंचाई (अधिष्ठान) पर बकाया 157.35, उद्यान विभाग : 84.39 लाख, समाज कल्याण : 264.40 लाख, प्राथमिक शिक्षा : 909.14 लाख, माध्यमिक शिक्षा 32.92 लाख, राज्य संपत्ति निदेशालय पर 876.56 लाख, लोक निर्माण पर 50.79 लाख रुपये बकाया है। 

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार 

मध्यांचल एमडी संजय गोयल ने बताया कि बकाएदारों से बिल वसूलने के लिए कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जल्द ही अभियान चलाकर बकाया वसूली और प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे।


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