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सरकारी अस्पतालों की जनऔषधि केंद्रों में बढ़ेंगी 400 दवाएं और बढ़ेंगी, जारी हुआ टेंडर

केंद्र सरकार ने बजट में किए गए एलान पर पहल शुरू बीपीपीआइ ने 376 किस्म की दवाओं के लिए टेंडर किया जारी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 08:45 AM (IST)
सरकारी अस्पतालों की जनऔषधि केंद्रों में बढ़ेंगी 400 दवाएं और बढ़ेंगी, जारी हुआ टेंडर
सरकारी अस्पतालों की जनऔषधि केंद्रों में बढ़ेंगी 400 दवाएं और बढ़ेंगी, जारी हुआ टेंडर

लखनऊ, जेएनएन। केंद्र सरकार ने बजट में जनऔषधि केंद्रों में दवाएं बढ़ाने का एलान किया था। इसके मद्देनजर बीपीपीआइ ने केंद्रों पर दवा आपूर्ति लिस्ट बढ़ाने के लिए पहल शुरू कर दी है। अप्रैल से ये व्यवस्था शुरू हो जाने की उम्मीद है।

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शहर में 59 जनऔषधि केंद्र हैं। इनमें 12 सरकारी अस्पतालों में और 47 निजी में स्टोर खोले गए हैं। इसके अलावा राज्य में सैकड़ों जेनरिक स्टोर संचालित हैं। सभी स्टोरों पर दवा आपूर्ति की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के उपक्रम बीपीपीआइ के पास है। बीपीपीआइ के मार्केटिंग के जीएम धीरज शर्मा के मुताबिक जल्द ही 400 दवाएं बढ़ाने की योजना है। इनमें से 376 का टेंडर जारी कर दिया गया है। अप्रैल से मरीजों को जेनरिक स्टोरों पर बढ़ी दवा मिलने लगेगी। वहीं, 2024 तक स्टोरों पर दो हजार किस्म की दवा मिलेंगी। 

पेटेंट से बाहर आईं कई दवाएं भी शामिल

धीरज शर्मा के मुताबिक शामिल की गई नई दवाएं उच्च गुणवत्ता की हैं। यह हाल में पेटेंट के दायरे से बाहर निकली हैं। ऐसे में अब यह जेनरिक स्टोर पर मिलेंगी। इनमें डायबिटीज की विल्डा ग्लिपटिन दवा भी शामिल की गई। इसके पेटेंट की अवधि हाल में समाप्त हुई है। साथ ही एंटीबायोटिक इंडोमेथासिन कैप्सूल आइपी 25 एमजी, वारफेरिन टैबलेट्स 5 एमजी, बैसिलस क्लौडी स्पोर्स सस्पेंसन आदि दवाएं भी नई सूची में शामिल हैं।


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