40 फीसद किशोर हो रहे स्मार्ट फोन के लती, मानसिक बीमारी के चपेट में आ रहे युवा
स्मार्ट फोन की लत के कारण प्रभावित हो रहा जीवन। मानसिक और शारीरिक बीमारी का कारण बन रहा मोबाइल। फोन का इस्तेमाल टेक्स मैसेज के लिए 92 प्रतिशत,
लखनऊ[कुमार संजय]। आप चाहते हैं कि आपके बच्चे पढ़ाई करें और स्वस्थ रहें तो उन्हें स्मार्ट फोन से दूर रखें और रहने की सलाह दें। विशेषज्ञों ने शोध से साबित किया है कि किशोर (10 से 19 साल) फोन के लती होकर अपनी क्षमता कम करने के साथ ही मानसिक एवं शारीरिक परेशानी के शिकार हो रहे हैं। बुधवार को राजधानी में एक लड़के ने अपनी जान दे दी। यह घटना हर माता-पिता के लिए चिंता का विषय है। देखा गया है कि कई बच्चे माता-पिता से स्मार्ट फोन के लिए झगड़ उठते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन के मुताबिक, विशेषज्ञों ने 1304 युवाओं और युवतियों पर शोध किया है। यह शोध 10 से 19 साल के आयु वर्ग के लोगों पर हुआ है। जर्नल में शोधकर्ता डॉ. संजीव दवे और डॉ.अनुराधा दुबे ने बताया है कि अब तक हुए 45 रिसर्च को शामिल किया है जिसमें कुल 1304 युवा शामिल हुए थे। विशेषज्ञों ने सभी शोधों का विश्लेषण किया तो पता चला कि 39 से 44 फीसद युवा स्मार्ट फोन के लती हो गए हैं जिसके कारण इनकी क्षमता में कमी हो रही है। पढ़ाई की तरफ ध्यान केंद्रित नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा मानसिक बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि लगातार स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करने के कारण टेंडिन (मासपेशियों का गुच्छा) इंजरी, कार्पल टनल सिंड्रोम, कंप्यूटर विजन सिंड्रोम, विजन में कमी जैसी कई परेशानियों के शिकार हो रहे हैं। संजय गाधी पीजीआइ के तंत्रिका रोग विशेषज्ञ प्रो.संजीव झा कहते हैं कि बार-बार अंगूठे पर बल देने से उसके जोड़ में परेशानी आती है जिससे कलम तक पकड़ने में परेशानी होती है। इसके अलावा आख की रोशनी प्रभावित होती है। 129 फीसद की दर से बढ़ रहा है स्मार्ट फोन का इस्तेमाल: जर्नल में विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में 15.6 फीसद लोग स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते है। हर साल भारत में 129 फीसद की दर से स्मार्ट फोन का इस्तेमाल बढ़ रहा है जो चीन से भी अधिक है। वहा पर हर साल 109 फीसद की दर से स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने वाले बढ़ रहे हैं। बताया है कि हर 6.3 मिनट बाद हम लोग फोन को चेक करते है इससे साबित होता है कि हम लोग फोन के लती हो रहे हैं।