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639.89 करोड़ रुपये के बकाया हाउस टैक्स पर 3.92 अरब का ब्याज

नगर निगम में एकमुश्त समाधान योजना की संभावना बढ़ी, सरकार ने भवन कर की मांगी जानकारी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 11:07 AM (IST)
639.89 करोड़ रुपये के बकाया हाउस टैक्स पर 3.92 अरब का ब्याज
639.89 करोड़ रुपये के बकाया हाउस टैक्स पर 3.92 अरब का ब्याज

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव] । आपको यह जानकार थोड़ा आश्चर्य होगा कि हाउस टैक्स पर ब्याज की रकम 392.22 करोड़ रुपये पहुंच गई है लेकिन इससे अधिक आश्चर्यजनक बात यह है कि यह ब्याज 639.89 करोड़ रुपये के बकाया हाउस टैक्स पर लगा है। विवादों के कारण नगर निगम बकाया रकम ही नहीं वसूल पा रहा है, ब्याज की बात तो दूर की कौड़ी है।

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अब ब्याज की रकम कम करने, हाउस टैक्स की विवादित डिमांड को ठीक करने के लिए हाउस टैक्स में एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) लागू होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। उधर, सरकार ने नगर निगम से भवन कर से जुड़ी कई जानकारियां मांगी है। जून से नवंबर 2003 के बाद यह पहला मौका है, जब हाउस टैक्स में ओटीएस लाने के लिए इस तरह की पहल हुई है। नगर निगम की खराब वित्तीय स्थिति और हाउस टैक्स के विवादित मामलों का निराकरण न होने पर नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने प्रमुख सचिव नगर विकास को पत्र लिखकर एक मुश्त समाधान योजना लागू करने की मांग की थी। इस पर गर विकास विभाग के विशेष सचिव अनिल कुमार बाजपेयी ने नगर आयुक्त से ब्योरा तलब किया है।

नगर आयुक्त ने हाउस टैक्स जमा न होने के कारण गिनाए

नगर निगम की अभिलेखों में 60 प्रतिशत अनावासीय संपत्तियां हैं। जिनका हाउस टैक्स का निर्धारण 31 मार्च 2014 से पूर्व भूमि की अनुमानित लागत एवं लोकनिर्माण विभाग की निर्माण लागत से भवन की कुल लागत की गणना कर सात प्रतिशत वार्षिक मूल्य निर्धारित कर 15 प्रतिशत हाउस टैक्स निर्धारित किया जाता है, जिसमें एक समानता लाने के लिए प्रतिवर्ष स्टाम्प ड्यूटी में आय बढ़ाने के उद्देश्य से वृद्धि की जाती है। इसमें हाउस टैक्स के आकलन में वृद्धि हो जाती है, जो हमेशा विवाद का कारण रहती है। विवाद का निराकरण न होने से चालू डिमांड और अवशेष में वृद्धि हो जाती है।

अनावासीय भवनों के लिए 31 मार्च 2014 के पूर्व लागू कर निर्धारण प्रणाली के स्थान पर एक अप्रैल 2014 से प्रति वर्ग फीट निर्धारित मासिक किराया दर तथा नियमावली द्वारा निर्धारित मासिक किराया दर के गुणांक के आधार पर अनावासीय भवनों का कर निर्धारण करते हुए बकाया हाउस टैक्स जमा कराया जाए।

  • रिवीजन के बाद कुल डिमांड (विवादित समेत) : 1215.17 करोड़ रुपये
  • हाउस टैक्स की चालू मांग : 183.04 करोड़ रुपये
  • अवशेष : 639.89 करोड़,
  • ब्याज : 392.22 करोड़ रुपये
  • गत वित्तीय वर्ष में हाउस टैक्स की वसूली 178 करोड़ रुपये जो कुल डिमांड का 14.65 प्रतिशत है।

यह सुझाव भी दिए गए

आवासीय एवं अनावासीय सभी प्रकार के भवनों पर इस सीमित अवधि में हाउस टैक्स जमा करने वालों को ब्याज से मुक्त रखा जाए।


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