Coronavirus lockdow : बजट के अभाव में 38 ई-सुविधा केंद्रों पर संकट
उपभोक्ताओं के सामने बिजली बिल जमा करने का संकट कार्यदायी संस्था ने सवा करोड की मांगी थी मदद नहीं मिला।
लखनऊ, जेएनएन। बिजली विभाग जो राजस्व को लेकर पहले ही कई मैराथन बैठकें कर चुका है, उसके सामने गुरुवार से एक बडा संकट आने वाला था, जो फिलहाल टल गया है। ईसुविधा की कार्यदायी संस्था ने देर रात चली बैठक में फैसला लिया है कि 14 मई को बंद होने वाले लखनऊ के 16 व मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों के 16 सेंटर यानी कुल 38 सेंटरों को बंद नहीं करेगा।
कार्यदायी संस्था मिरज आईटी कंपनी के सीएमडी समीर त्रिपाठी ने बताया कि मध्यांचल के प्रबंध निदेशक पूरी पाल गंगवार द्वारा आश्वस्त किया गया है कि 14 मई को होने वाली बैठक में उनकी अधिकांश समस्याओं का निस्तारण करने का प्रयास किया जाएगा और जो भुगतान महीनों से फसा है उसे दिया जाएगा। जिससे
सेंटरों पर कार्यरत कर्मचारियों इंटरनेट बैंकिंग चार्जेस वगैरह का कुछ समाधान हो सके। इसके कारण 14 मई को सेंटरों को बंद करने की योजना को स्थगित कर दिया गया हैं। अगर बैठक निरर्थक रही तो कार्यदाई संस्था आगामी दिनों में अपने सेंटर बंद कर सकती है।
गौरतलब है कि ई सुविधा केंद्रों का खर्चा नहीं निकल रहा है। क्योंकि इन सेंटर में न के बराबर उपभोक्ता आ रहे थे और हर माह खर्च एक सेंटर पर पचास से साठ हजार हो रहा था। बिजली विभाग के सूत्रों ने बताया कि ई सुविधा की कार्यदायी संस्था लॉक डाउन के दौरान भी काउंटरों का संचालन कर रही थी, हर सेंटर पर आने वाले खर्चे भी दो माह तक करती रही, लेकिन उपभोक्ताओं द्वारा बिल जमा करने की संख्या केंद्रों में न के बराबर रही। इससे सेंटर का आधा खर्चा भी नहीं निकल पाया, इससे कंपनी को अब तक कई करोड का नुकसान हो चुका है। वहीं मध्यांचल से हर सप्ताह होने वाला भुगतान भी महीनों से फंसा है। वहीं कार्यदायी संस्था ने भी प्रमुख सचिव आइटी व मध्यांचल एमडी को पत्र लिखकर पूर्व में ही अवगत करा दिया था।
ई सुविधा के प्रोजेक्ट समन्वयक राहुल पुरवार ने बताया कि कार्यदायी संस्था का एक ई मेल आया है, जिसमें सेंटर बंद करने की बात कही गई है, लेकिन यह निर्णय कार्यदायी संस्था का है, ई सुविधा का नहीं। ऐसे में प्रयास हैं कि सेंटर खोले जाए, इसको लेकर वरिष्ठों को भी पूरी स्थिति से अवगत कराया गया है। ऐसे समय आवश्यक सेवाओं की चीजें तो खुलनी चाहिए।