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UP में आफत की बारिश, पेड़ और घर गिरने से 38 लोगों की मौत; मौसम विभाग का अलर्ट- दो दिन चलेगा दौर

यूपी में चौबीस घंटे से पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश ने कई जिलों में तबाही मचा दी है। ज्यादातर इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस दौरान घर और पेड़ गिरने के कारण 38 लोगों की मौत हुई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 09:16 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 08:34 AM (IST)
UP में आफत की बारिश, पेड़ और घर गिरने से 38 लोगों की मौत; मौसम विभाग का अलर्ट- दो दिन चलेगा दौर
यूपी में चौबीस घंटे से हो रही बारिश ने कई जिलों में तबाही मचा दी है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश पिछले चौबीस घंटे से पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश ने कई जिलों में तबाही मचा दी है। ज्यादातर इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस दौरान घर और पेड़ गिरने के कारण 38 लोगों की मौत हुई है, जबकि लोगों की संपत्तियों का व्यापक नुकसान हुआ है। बाराबंकी में सर्वाधिक छह मौतें, जबकि प्रयागराज, प्रतापगढ़ व फतेहपुर में पांच-पांच और लखनऊ में तीन लोगों की मौत हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राज्य में बारिश का दौर अगले दो दिन तक थमने वाला नहीं है।

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बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर एरिया प्रयागराज के ऊपर से गुजर रहा है। इस कारण लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी सहित आसपास के इलाकों में अगले 40 घंटों तक बारिश जारी रहेगी। इसका असर 500 किलोमीटर के दायरे में होता है। लखनऊ मौसम केंद्र के वैज्ञानिकों का कहना है कि लखनऊ समेत 40 जिलों में हो रही बरसात इस सीजन में तीसरी बार है। पांच वर्षों बाद सितंबर माह में इतनी बारिश हो रही है। उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे के अंदर औसत अनुमान से पांच गुना ज्यादा बारिश हुई है। औसत अनुमान 7.6 मिमी से करीब पांच गुना ज्यादा 33.1 मिमी बारिश प्रदेश में हुई है। बारिश का दौर अगले दो दिन तक यूं ही चलने की संभावना है।

तेज हवा के साथ हो रही बारिश के कारण दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर इटावा जंक्शन के पूर्वी ओर सुंदरपुर रेलवे क्रासिंग के समीप यूकेलिप्टस का पेड़ ओवरहेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) लाइन पर गिर गया, जिससे दो घंटे तक रेलवे ट्रैक बाधित रहा। कानपुर में लगातार दूसरे दिन गुरुवार बारिश जारी रही। इस कारण यहां बड़ी संख्या में कच्चे मकान ध्वस्त हो गए। चित्रकूट, बांदा, नवाबगंज, फतेहपुर में इस तरह की घटनाओं में आठ जानें गईं। इसमें फतेहपुर के हादसे में दो बच्चियों सहित पांच लोग काल-कवलित हुए और छह लोग घायल हुए।

प्रयागराज और समीपवर्ती जिलों प्रतापगढ़-कौशांबी में अतिवृष्टि से लगभग तीन दर्जन स्थानों पर कच्चे व जर्जर मकान धराशायी हो गए। इनमें दो गार्डों समेत कुल 13 लोगों की जान चली गई। प्रयागराज और प्रतापगढ़ में पांच-पांच मौतें हुईं जबकि कौशांबी में तीन। मरने वालों में दो बच्चे भी हैं। प्रतापगढ़ में भारी बारिश से रेलवे ट्रैक पर भी पानी भर गया। जौनपुर के सुजानगंज में कच्चा मकान गिरने से दंपती व उनकी बेटी की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए। वहीं, सिकरारा में कच्चा मकान गिरने से मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गई।

लखनऊ के आसपास के जिलों में 11 लोगों मौतें हुईं, जिनमें छह बाराबंकी के हैं। लखनऊ में तीन, सीतापुर और अयोध्या में एक-एक मौतें हुईं। इन जिलों में 11 लोग घायल भी हुए। बाराबंकी के दरियाबाद से पटरंगा रेलवे स्टेशन के बीच साबरमती एक्सप्रेस ट्रैक पर गिरे पेड़ से टकरा गई। इससे काऊ कैटल क्षतिग्रस्त हो गया। करीब चार घंटे रेल यातायात बाधित रहा।

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