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किडनी से 2800 पथरी निकाल दी मरीज को जिंदगी, एक सेमी छेद बनाकर की सर्जरी

लोहिया संस्थान के डॉक्टरों का कमाल, एक सेमी छेद बनाकर की सर्जरी, उत्तर भारत में ऐसा पहला केस।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 10:55 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 11:11 AM (IST)
किडनी से 2800 पथरी निकाल दी मरीज को जिंदगी, एक सेमी छेद बनाकर की सर्जरी
किडनी से 2800 पथरी निकाल दी मरीज को जिंदगी, एक सेमी छेद बनाकर की सर्जरी

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। 48 वर्षीय मरीज पेट दर्द से पीड़ित था। स्थानीय अस्पताल में राहत न मिलने पर वह लोहिया संस्थान आया। यहा जाच में किडनी में पथरी (स्टोन) की भरमार मिली। यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर ने की-होल तकनीक से सर्जरी कर उसके शरीर से 2800 पथरी निकाली। दावा है कि उत्तर भारत में पहली बार किसी मरीज के इतनी संख्या में पथरी निकाली गई।

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हरदोई के शाहबाद निवासी रामप्रकाश (48) को भीषण पेट दर्द हो रहा था। अचानक उठने वाला यह दर्द सहन करना भी मुश्किल था। स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों ने एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड जाच कराई। किडनी में गुच्छानुमा देखकर वह घबरा गए। इलाज करने के बजाए रामप्रकाश को लखनऊ रेफर कर दिया। रामप्रकाश ने लोहिया संस्थान में यूरोलॉजी विभाग के डॉ. ईश्वर राम धयाल को दिखाया। उन्होंने सीटी-एमआरआइ कराई। इसमें दाहिनी किडनी में एक व बायीं किडनी में पथरी की भरमार मिली। इसके बाद पैथोलॉजी की जाचें कराने के बाद ऑपरेशन का फैसला किया। ऐसे में छह अप्रैल को मरीज का ऑपरेशन किया। मरीज अब ठीक है। दिल्ली के डॉक्टर ने निकाले थे 857 स्टोन:

डॉ. धयाल के मुताबिक देश में महाराष्ट्र के एक डॉक्टर ने किडनी से डेढ़ लाख तक स्टोन निकाले हैं, मगर उत्तर भारत में पहली बार 2800 स्टोन निकाले गए। इससे पूर्व दिल्ली के निजी अस्पताल के डॉक्टर ने 857 स्टोन निकालने की रिपोर्टिग की थी। बड़े स्टोन के पीछे बनती गई पथरी:

डॉ. ईश्वर राम धयाल के मुताबिक मरीज के किडनी के मुंह पर बड़ा स्टोन बन गया। इसके बाद मौजूद कैल्शियम फास्फेट व कैल्शियम ऑक्सिलेट बड़े स्टोन के पीछे इकट्ठा होता गया, जो छोटी-छोटी पथरी में तब्दील हो गया।

स्टोन मैन:

संस्थान में पहली बार किसी मरीज से इतनी पथरी निकली। ऐसे में वार्ड में भर्ती रामप्रकाश को स्टाफ स्टोन मैन कहकर पुकारने लगा। उधर रामप्रकाश ने डॉक्टरों को जिंदगी बचाने के लिए धन्यवाद दिया।

बड़ी पथरी को लेजर से तोड़ा :

डॉ. धयाल के मुताबिक पहले मरीज के दायीं किडनी से सिंगल पथरी निकाली गई। इसमें पीसीएनएल-की होल सर्जरी अपनाई गई। सबसे अधिक स्टोन बायीं किडनी में थे। इसमें तीन स्टोन तीन सेमी के थे, वहीं अन्य सभी पाच से छह एमएम के थे। इस दौरान पीठ के निचले हिस्से में एक सेमी छेद कर दूरबीन के माध्यम से बड़े स्टोन को लेजर बीम से तोड़कर निकाला। वहीं इसके पीछे छोटे-छोटे स्टोन का जखीरा सक्शन मशीन से खींचा गया। वहीं ऑपरेशन के बाद स्टोन की काउंटिंग कराई गई तो मरीज के कुल 2800 स्टोन निकले, जबकि कुछ प्रोसीजर के वक्त फ्लूड में रह गए।


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