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कैबिनेट फैसले: उत्तर प्रदेश में संविदा पर भर्ती होंगे 26000 शिक्षक

योगी सरकार ने कैबिनेट की मैराथन बैठक में 21 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी देकर किसानों और कारोबारियों समेत सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 24 Oct 2017 10:03 PM (IST)Updated: Wed, 25 Oct 2017 04:12 PM (IST)
कैबिनेट फैसले: उत्तर प्रदेश में संविदा पर भर्ती होंगे 26000 शिक्षक
कैबिनेट फैसले: उत्तर प्रदेश में संविदा पर भर्ती होंगे 26000 शिक्षक

लखनऊ (जेएनएन)। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले योगी सरकार ने कैबिनेट की मैराथन बैठक में  21 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी देकर किसानों और कारोबारियों समेत सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। इनमें आस्था को भी नमन करने की पहल की गई है।

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मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में  हुई इस बैठक में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में संविदा पर 26 हजार शिक्षकों और राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेजों में रिक्त पदों पर करीब साढ़े छह सौ शिक्षक और पैरा मेडिकल स्टाफ भर्ती किये जाने का फैसला किया गया है। 

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकारों को फैसलों की जानकारी दी। बताया कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक और प्रवक्ता के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। इनमें सहायक अध्यापक के 20200 और और प्रवक्ता के 6300 पद रिक्त हैं। इसे भरने की प्रक्रिया चल रही है। कैबिनेट ने फैसला किया है कि 70 वर्ष से कम उम्र के सेवानिवृत्त शिक्षकों को मौका दिया जाएगा। प्रवक्ता को प्रतिमाह 20 हजार और सहायक अध्यापक को 15 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। 

राजकीय होम्योपैथिक कालेजों में भी 650 पदों पर होगी भर्ती 

प्रदेश में नौ राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज हैं। इन कालेजों में स्वीकृत पदों की तुलना रिक्त पदों की संख्या अधिक है। सरकार ने फैसला किया है कि संविदा पर रिक्त पद भरे जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि इन कालेजों में 369 शिक्षकों के स्वीकृत पद के सापेक्ष 261 और पैरा मेडिकल के 409 स्वीकृत पद के सापेक्ष 380 रिक्त पद हैं। इस तरह कुल 641 पदों पर भर्ती की जानी है। सरकार ने तय किया है कि संविदा पर 65 वर्ष तक के शिक्षक को अवसर मिलेगा। 

योगी की निगरानी में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन

अब मुख्यमंत्री आपके द्वार योजना के तहत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन शुरू होगी। इस योजना की निगरानी योगी खुद करेंगे। इसके लिए 500 सीटर काल सेंटर बनेगा। इसके लिए टोल फ्री नंबर दिया जाएगा।  सोमवार और मंगलवार को सभी मंत्री जनता दर्शन के जरिये समस्याओं को सुलझाते हैं जबकि थाना और संपूर्ण समाधान दिवस के जरिये भी जनता की दिक्कतों को दूर करने की सरकार ने पहल की है। पर, इसका प्रभावी असर नहीं हुआ है। इसीलिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की स्थापना की जा रही है।

इसमेें जन सामान्य की शिकायतों का पंजीकरण और त्वरित निस्तारण किया जाएगा। इसमें नागरिकों से फीड बैक भी लिया जाएगा। अगर किसी भी शिकायत के निस्तारण में लापरवाही होगी तो सीधी कार्रवाई होगी। अगर किसी अफसर ने कागजों में कार्रवाई की कोशिश की तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इस योजना को विधिवत लांच किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अन्य विभागों में चल रही हेल्पलाइन अलग होगी। 

लागू होगी उप्र खाद्य प्रसंस्करण नीति-2017

कैबिनेट ने किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पूंजी निवेश की संभावना को देखते हुए उप्र खाद्य प्रसंस्करण नीति-2017 को मंजूरी दी है। यह नीति लागू होने की तारीख से पांच वर्ष के लिए होगी। सरकार ने इसके लिए अनुदान देने का फैसला किया है। पांच करोड़ की सीमा पर प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। इस नीति के लागू होने से फूड पार्क, मेगा फूड पार्क को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार सृजन के अवसर से लेकर प्रदेश के किसानों की उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने में सहूलियत मिलेगी।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मानव शक्ति की क्षमता वृद्धि, कौशल विकास को बढ़ावा देने के साथ ही फल, सब्जी, औषधि सुगंध, मशरूम, दलहन, तिलहन, शिशु युक्त आहार, डबल रोटी आदि के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू होगा। इससे कृषि क्षेत्र के विकास और बाजार की उपलब्धता बढ़ेगी। तीन से पांच नवंबर के बीच इससे संबंधित भारत सरकार के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। 

पीएम आवास योजना में निजी सेक्टर की भागीदारी

सरकार 2022 तक हर व्यक्ति को छत मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब पीएम आवास योजना में निजी सेक्टर की भी भागीदारी होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में 60 और 40 प्रतिशत की केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी है। शहरी क्षेत्रों में आवास बनाने के लिए डेढ़ लाख केंद्र और एक लाख राज्य सरकार की ओर से दिया जाता है।

अब इसमें निजी क्षेत्र की सहभागिता होगी। इसके लिए 35 प्रतिशत वहन करना होगा। इस योजना में 22.7 से 30 मीटर तक का फ्लैट बनेगा। इसमें निजी सेक्टर को ग्राउंड फ्लोर पर दस प्रतिशत बेचने का भी अधिकार रहेगा। इसकी मानीटरिंग रेरा द्वारा की जाएगी। 


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