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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अदालतों के लिए जारी की नई गाइडलाइन, 50 प्रतिशत जज व स्टाफ रोटेशन में करेंगे काम

यूपी में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए हाई कोर्ट ने अधीनस्थ अदालतों अधिकरणों की कार्यवाही की नई गाइडलाइंस जारी किया है। सभी जिला जजों पीठासीन अधिकारियों को जारी आदेश में एक समय में 50 प्रतिशत न्यायिक अधिकारियों से रोटेशन में काम लेने का निर्देश दिया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 09:29 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 08:13 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अदालतों के लिए जारी की नई गाइडलाइन, 50 प्रतिशत जज व स्टाफ रोटेशन में करेंगे काम
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अधीनस्थ अदालतों, अधिकरणों की कार्यवाही की नई गाइडलाइंस जारी किया है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप निरंतर बढ़ रहा है। इसे देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अधीनस्थ अदालतों, अधिकरणों की कार्यवाही की नई गाइडलाइंस जारी किया है। महानिबंधक आशीष गर्ग की ओर से सभी जिला जजों, पीठासीन अधिकारियों को जारी आदेश में एक समय में 50 प्रतिशत न्यायिक अधिकारियों से रोटेशन में काम लेने का निर्देश दिया गया है। कहा कि गर्भवती न्यायिक अधिकारियों, स्टाफ को इसमें छूट रहेगी।

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यह भी कहा गया है कि वादकारियों या प्रतिनिधियों का न्यायालय परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। अतिआवश्यक मामलों में जिला जज की पूर्व अनुमति से उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है। यह गाइड लाइंस 17 जनवरी से प्रभावी होगी। गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन कराने के लिए सभी अधिकारियों को इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया गया है।

हाई कोर्ट में 50 प्रतिशत कर्मचारियों से होगा काम : कोरोना संक्रमण का प्रकोप निरंतर बढ़ रहा है। इसे देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने सभी अनुभाग अधिकारियों/सुपरवाइजिंग अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एक दिन के अंतराल पर 50 प्रतिशत स्टाफ से इस तरह काम लें कि किसी सीट का कार्य न रुकने पाए। निबंधक न्यायिक द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जिस किसी अधिकारी को बुखार हो तुरंत कोविड जांच कराएं। हाई कोर्ट प्रयागराज व लखनऊ खंडपीठ परिसर में शराब पीकर, पान, गुटका व तंबाकू खाकर आने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही गंभीर बीमारी से पीड़ित अधिकारियों को इसकी सूचना न्यायालय प्रशासन को देने को कहा गया है, जिससे ऐसे लोगों को ड्यूटी पर तैनाती से छूट दी जा सके। यह सूचना लखनऊ पीठ के सीनियर रजिस्ट्रार वह इलाहाबाद के रजिस्ट्रार न्यायिक को दी जाए।

अतिआवश्यक होने पर ही स्टाफ को बुलाया जाए : अनुभाग अधिकारी को यह छूट दी गई है कि अतिआवश्यक होने पर घर पर बैठे स्टाफ को काम के लिए बुला सकते हैं। सभी स्टाफ टेलीफोन या इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जरिये अपने अनुभाग से संपर्क बनाए रखें। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश ने यह आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के 10 जनवरी के अनुरोध पत्र पर दिया है, जिसमें कोरोना संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए 50 प्रतिशत स्टाफ से काम लेने का अनुरोध किया गया है।


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