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मनी लांड्रि‍ंग के मामले में गायत्री की जमानत अर्जी खारिज, लखनऊ में ईडी की विशेष अदालत में चल रहा केस

Money Laundering case ईडी के विशेष वकील कुलदीप श्रीवास्तव ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उनका कहना था कि आठ फरवरी 2021 को मनी लांड्रि‍ंग के इस मामले में गायत्री को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 12:35 PM (IST)
मनी लांड्रि‍ंग के मामले में गायत्री की जमानत अर्जी खारिज, लखनऊ में ईडी की विशेष अदालत में चल रहा केस
26 अक्टूबर 2020 को विजिलेंस ने गायत्री के खिलाफ आय से अधिक संपति का मामला दर्ज किया था।

लखनऊ, विधि संवाददाता। मनी लांड्रि‍ंग के एक मामले में निरुद्ध पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत अर्जी ईडी की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। जिला जज सर्वेश कुमार ने जमानत के लिए अभियुक्त गायत्री की दलीलों को खारिज करते हुए अपराध को गंभीर करार दिया है। ईडी के विशेष वकील कुलदीप श्रीवास्तव ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उनका कहना था कि आठ फरवरी 2021 को मनी लांड्रि‍ंग के इस मामले में गायत्री को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। फिर निर्धारित समयावधि में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया, जिस पर संज्ञान भी हो चुका है। इससे पूर्व गायत्री की ओर से कहा गया था कि ईडी ने 60 दिन की निर्धारित अवधि में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है।

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यह है मामला

26 अक्टूबर 2020 को विजिलेंस ने गायत्री के खिलाफ आय से अधिक संपति का मामला दर्ज किया था। 14 जनवरी 2021 को इसी आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि बतौर खनन मंत्री गायत्री ने आय से अधिक संपति अर्जित की है। यह संपति मोहनलालगंज, अमेठी, कानपुर व लोनावला में है। गायत्री की बहुत सारी फर्म भी हैं, जिसमें कई करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। बेटा अनिल प्रजापति इन कंपनियों का निदेशक है। ईडी ने जांच के दौरान गायत्री की करीब 37 करोड़ की संपति जब्त की व 3/4 पीएमएलए एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया।

अपहरण व हत्‍या में जेल अधीक्षक को नोटिस जारी : अपहरण व हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए अभियुक्तों की सजा पर सुनवाई के लिए उन्हें अदालत नहीं भेजने के मामले में जेल अधीक्षक को नोटिस जारी किया गया है। विशेष जज विनय कुमार सिंह ने 28 सितंबर को अभियुक्तों को पेश करने का आदेश दिया है। लेकिन साथ ही यह ताकीद किया है कि यदि पेश नहीं किया जाता है, तो किसी प्रतिकूल प्रभाव या आदेश की दशा में समस्त जिम्मेदारी जेल अधीक्षक की होगी। यह मामला थाना वजीरगंज से संबधित है। बीते 24 सितंबर को इस मामले में अदालत ने अभियुक्त हरबंश मिश्रा व अभियुक्ता कृष्णा गोस्वामी उर्फ गुड़िया को दोषी करार दिया था। साथ ही इनकी सजा के बिन्दू पर सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तारीख तय की थी। लेकिन सोमवार को जेल से अभियुक्तों को अदालत में पेश नहीं किया जा सका। इस संदर्भ में कोर्ट मोहर्रिर ने आख्या दी कि लाकअप नहीं आने की वजह से अभियुक्तगण अदालत में उपस्थित नहीं है।


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