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प्रतापगढ़ में सीओ जियाउल हक की हत्या का मामला: अग्रिम विवेचना को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज

High Court Lucknow प्रतापगढ़ के सीओ जियाउल हक व दो अन्य की हत्या के मामले में अग्रिम विवेचना के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका को हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दिया है। यह आदेश जस्टिस करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने पारित किया।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 09:54 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 03:42 PM (IST)
प्रतापगढ़ में सीओ जियाउल हक की हत्या का मामला: अग्रिम विवेचना को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज
सीबीआइ ने इस मामले में पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया व अन्य को क्लीन चिट दी थी।

लखनऊ, विधि संवाददाता। प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ जियाउल हक व दो अन्य की हत्या के मामले में अग्रिम विवेचना के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका को हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दिया है। यह आदेश जस्टिस करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने पारित किया। याचिका वर्ष 2014 से ही विचाराधीन थी। सीबीआई की ओर से किसी के भी पेश न होने पर कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। इस हत्याकांड मामले में मारे गए सीओ जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद की एफआइआर पर फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए सीबीआई ने पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया व अन्य को क्लीन चिट दे दी थी।

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इस फाइनल रिपोर्ट को परवीन आजाद ने सीबीआई कोर्ट में प्रोटेस्ट याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी, जिस पर सीबीआई कोर्ट ने आठ जुलाई, 2014 को पारित अपने आदेश में सीबीआई जांच पर गंभीर सवाल उठाए थे। साथ ही सीओ की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई एफआइआर की अग्रिम विवेचना के आदेश दिए थे और फाइनल रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया था। सीबीआई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सीबीआई ने मामले की समुचित विवेचना नहीं की है और साक्ष्य संकलन में मात्र खानापूर्ति की है। कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि सीओ जियाउल हक को इतनी निर्ममता से मारा पीटा गया, जबकि वहां मौजूद पुलिस वालों को मात्र साधारण चोटें व खरोचें आईं।

यह था मामला: बता दें कि वर्ष 2013 मार्च में प्रतापगढ़ के कुंडा नन्हें यादव और सुरेश यादव की हत्या कर दी गई थी। घटना की जानकारी होने पर इलाके के सीओ जियाउल हक पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। यहां हंगामे के दौरान भीड़ ने सीओ पर हमला कर दिया। उन्हें गोली भी लगी थी। जियाउल हक की पत्नी परवीन ने रघुराज प्रताप सिंह समेत पांच लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था। डीएसपी की हत्या के बाद राजनीतिक जगत में भूचाल आ गया और रघुराज प्रताप को अपना मंत्री पद भी छोड़ना पड़ा। 


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