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अपनों का दर्द छिपाए...घर से हुए पराए, लखनऊ के वृद्धाश्रम में श्राद्ध नहीं श्रद्धा का इंतजार

Old Age Home in Lucknow पितृ पक्ष में लोग लखनऊ के वृद्धाश्रम में आते हैं पूर्वजों के नाम पर दान करते हैं और चले जाते हैं। आंखों में आंसुओं का सैलाब लिए ये बुजुर्ग दूसरों के लिए श्राद्ध कर्म का हिस्सा हैं लेकिन उन्हें जरूरत है अपनों की श्रद्धा की।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 08:17 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 05:20 PM (IST)
अपनों का दर्द छिपाए...घर से हुए पराए, लखनऊ के वृद्धाश्रम में श्राद्ध नहीं श्रद्धा का इंतजार
Old Age Home in Lucknow: वृद्धाश्रम में पितृ पक्ष में अपनों का इंतजार कर रहे बुजुर्ग।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। अंगुली पकड़ चलना सिखाया। पढ़ लिखकर मेरा सहारा बनेगा यह सोचकर कानपुर के अच्छे स्कूल में दाखिला कराया। जवान हुआ तो आंखों के सामने रहे, इसके लिए अपना बिजनेस उसके नाम कर दिया। कुछ महीने, साल बीते तो शादी कर दी। बहू आई तो सबसे पहले मैं ही बोझ हो गया। बेटा भी बहू के साथ खड़ा नजर आया तो मैं फिर क्या करता। एक कमरे में अकेले रहने लगा। एक दिन खांसी आई और बिस्तर पर पलटी हो गई। बहू ने साफ करने के लिए कहा, मैंने कहा पहले थोड़ा आराम कर लें राहत मिल जाए तो साफ कर देंगे। इसी बीच मेरा बेटा आ गया। बहू के साथ मिलकर बेटे ने मुझे घर से बेघर कर दिया। मेरे इकलौते बेटे के बर्ताव के बारे में किसी को पता चलेगा तो लोग क्या कहेंगे, मैंने शहर छोड़ दिया। इंटरसिटी से कानपुर से राजधानी आ गया और अब वृद्धाश्रम में रह रहा हूं।

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यह कहानी कानपुर के निवासी बुजुर्ग की है जिसने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिसको वह पाल रहे है वह ऐसा बर्ताव करेगा। इतना कुछ होने के बावजूद वह न तो अपना और न ही बेटे का नाम बताते हैं। यह दास्तां एक बुजुर्ग की नहीं अमृतसर से आए सरदार पाल सिंह, विश्वनाथ मेहरा व कृष्ण कुमार समेत 75 बुजुर्गों की है जो अपनों के दर्द को छिपाए अपनों से पराए हो गए हैं।

पितृ पक्ष में यहां लोग आते हैं पूर्वजों के नाम पर दान करते हैं और चले जाते हैं। आंखों में आंसुओं का सैलाब लिए ये बुजुर्ग दूसरों के लिए श्राद्ध कर्म का हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें अपनों की श्रद्धा की जरूरत रहती है। जिला समाज कल्याण अधिकारी डा.अमरनाथ यती की ओर से इन सभी बुजुर्गो को मास्क बांटा गया। उनका कहना है कि अपनों की दूरी तो यहां पूरी नहीं हो सकती, लेकिन अपनों से ज्यादा प्यार देने का प्रयास किया जाता है। सभी निराश्रित बुजुर्गों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। शहर में ऐसे 93228 निराश्रित बुजुर्गो को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। विभाग की ओर से सभी थानों को निर्देश हैं कि ऐसे बुजुर्ग का फोन आए तो उनकी तुरंत मदद करें। उनकी जिम्मेदारी है कि वह उन्हें चिकित्सा के साथ ही निराश्रित होने पर वृद्धाश्रम तक पहुंचाएं। किसी भी तरह की परेशानी होने पर विभाग की ओर से थ्रीपी मॉडल पर संचालित वृद्धाश्रम के मोबाइल फोन नंबर 6393658243 पर फोन किया जा सकता है। कुर्सी रोड पर गायत्री परिवार और समर्पण ट्रस्ट की ओर से वृद्धाश्रम का संचालन किया जा रहा है।

एक अक्टूबर को वरिष्ठ नागरिक दिवस मनेगा : लखनऊ के मंडलायुक्त रंजन कुमार ने एक अक्टूबर को वरिष्ठ नागरिक दिवस पर बुजुर्गों की समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया है। मंडलायुक्त ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक नीति का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा जिससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं का हल निकल सके। जीवकोपार्जन की समस्या, परिवार के अन्य सदस्यों के रोजगार हेतु बाहर चले जाने पर उनके स्वयं की देख-भाल करने की समस्या, अधिक आयु एवं शारीरिक असमर्थता के कारण स्वयं की देखभाल न कर पाने की स्थिति में किसी अन्य के सहायक न होने की समस्या अधिक उम्र के कारण सक्रियता एवम गतिशीलता कम होने से एकाकीपन की समस्या उत्पन्न होती हैं। जिसकानिराकरण किया जाएगा।


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