आगरा जहरीली शराब कांड में आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, आबकारी निरीक्षक समेत चार निलंबित
Agra Poisonous Liquor Case आगरा में जहरीली शराब कांड में उचित कार्रवाई न करने के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक संजय विद्यार्थी और तीन बीट आरक्षियों विशाल कुमार राजेश कुमार शर्मा व अमित कुमार तेवटिया निलंबित कर दिया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जहरीली शराब के सेवन से अब तक 14 लोगों की मौत के बाद आबकारी विभाग ने कार्रवाई की है। अवैध शराब के निर्माण व बिक्री के विरुद्ध अभिसूचना तंत्र विकसित न कर पाने और उचित कार्रवाई न करने के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक संजय विद्यार्थी और तीन बीट आरक्षियों विशाल कुमार, राजेश कुमार शर्मा व अमित कुमार तेवटिया निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही जिला आबकारी अधिकारी रजनीश पांडेय और एक अन्य जिला आबकारी अधिकारी नीलेश पालिया के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मृतकों के स्वजन की ओर से शराब ठेकों के मालिक और सेल्समैन के खिलाफ तीन थानों में नौ मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। अभी तक जहरीली शराब बनाने और बेचने वालों के बारे में पुलिस जानकारी नहीं कर सकी है।
आगरा जिले के डौकी व ताजगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार तक 24 घंटे के अंतराल में आठ लोगों की जहरीली शराब पीने के बाद मृत्यु हो गई थी। इस बीच बुधवार को शमसाबाद में दो सगे भाइयों की मौत होने के बाद जिले में मृतकों की संख्या 10 हो गई। दोनों ने भी शराब का सेवन किया था। गुरुवार को मृतकों की संख्या 14 तक पहुंच गई। इनके स्वजन जहरीली शराब पीने की बात कर रहे थे, जबकि अधिकारी इससे इन्कार कर रहे थे। एक युवक अस्पताल में भर्ती है। फोरेंसिक जांच में चार लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन से ही होने की पुष्टि हुई है। उनके बिसरा की जांच में मिथाइल एल्कोहल की मात्रा अधिक पाई गई है।
इसके बाद अपर महानिदेशक पुलिस (एडीजी) राजीव कृष्ण ने तीन थानाध्यक्षों सहित नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया, साथ ही दो निरीक्षक सहित आबकारी विभाग के पांच कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर रिपोर्ट शासन को भेजी थी। एडीजी ने बुधवार को शराब पीने से मृत चार लोगों का बिसरा जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा था। एडीजी ने बताया कि चारों मृतकों के बिसरा की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ गई है। इसमें मिथाइल अल्कोहल की अधिक मात्रा होने की पुष्टि हुई है। शराब जहरीली थी।
मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट : जिले में शराब पीने के बाद लोगों की मृत्यु होने के मामले में 'दैनिक जागरण' की खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बाल कृष्ण नारायण ने आबकारी आयुक्त से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा है कि स्वजन मौत का कारण मिलावटी शराब बता रहे हैं। ऐसे में पूरा मामला पहली दृष्टि में मानवाधिकार के हनन का प्रतीत होता है। मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम-1993 की धारा 12 में आयोग द्वारा इस प्रकरण को खुद संज्ञान लिया गया है।