अलीगढ़ जहरीली शराब कांड पर मानवाधिकार आयोग गंभीर, नोटिस भेजकर 4 सप्ताह में मांगा जवाब
Aligarh Poisonous Liquor Case अलीगढ़ में जहरीली शराब कांड को राज्य मानवाधिकार आयोग ने बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग की संयुक्त पीठ ने इस मामले में मुख्य सचिव डीजीपी व आबकारी आयुक्त प्रयागराज को समस्त कार्रवाई सुनिश्चित कराते हुए चार सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से बढ़ रही मौतों के मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग ने बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग की संयुक्त पीठ ने इस मामले में मुख्य सचिव, डीजीपी व आबकारी आयुक्त, प्रयागराज को समस्त कार्रवाई सुनिश्चित कराते हुए चार सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है।
उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग की संयुक्त पीठ ने दैनिक जागरण व अन्य समाचार पत्रों में अलीगढ़ जहरीली शराब कांड को लेकर प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेकर प्रकरण पर बेहद गंभीरता से विचार किया। आयोग ने कहा है कि मनुष्य के स्वास्थ्यप्रद परिवेश में सुरक्षित रूप से जीने का अधिकार निहित होने के कारण यह मानवाधिकार के अंतर्गत आता है। आयोग के सदस्य केपी सिंह व ओपी दीक्षित ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कदम उठाने के भी कड़े निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए निर्देश दिया है कि जिन गांवों में लोग शराब पीने के आदी हैं, उनको चिन्हित कर थाना व तहसीलवार उन्मूलन अभियान चलाकर लोगों को अवैध मदिरा ठेकों की शराब से विमुख किया जाए। सभी जिलों में सरकार द्वारा अधिकृत मदिरा ठेकों की सूची थाना व तहसीलवार प्रमुख स्थलों पर चस्पा की जाए और लोगों को केवल अधिकृत ठेकों से ही शराब खरीद कर सेवन करने के लिए सचेत किया जाए।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि सभी जिलों में स्थानीय अभिसूचना तंत्र को सक्रिय कर अवैध मदिरा के कारोबार में लिप्त आरोपितों व गांवों को सूचीबद्ध कर प्रशासनिक, पुलिस व आबकारी विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते पूरी तरह नकेल कसी जाए। अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह ध्वस्त किया जाए।
बता दें कि अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से मृतकों की संख्या 89 पहुंच चुकी है। हालांकि, सीएमओ ने 35 लोगों के मरने की पुष्टि की है। उधर, शराब माफिया के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी है। खैर रोड पर करसुआ स्थित दिगंबर के शराब के ठेके को कोल तहसील की राजस्व टीम ने जेसीबी से ध्वस्त कर दिया है। इसी ठेके की शराब पीने से सबसे अधिक मौत हुईं थीं। इस मामले के मुख्य आरोपी 50 हजार रुपये का इनामी ऋषि शर्मा अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। अब तक 12 मुकदमा दर्ज किए जा चुके हैं। 34 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें शामिल 50 हजार रुपये के इनामी विपिन यादव के सहयोगी हाथरस के नगला उदया हसायन निवासी शिवकुमार यादव को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।