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High Court News: हाईकोर्ट ने कहा- अब DRDA में मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति संभव

High Court News पांच साल पुराने फैसले को पूर्ण पीठ ने पलटा। जस्टिस रमेश सिन्हा जस्टिस सीडी सिंह और जस्टिस मनीष माथुर की फुल बेंच ने कुमारी कल्याणी मेहरोत्रा की याचिका पर पारित किया। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि डीआरडीए के कर्मचारी भी राज्य सरकार के ही कर्मी हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 08:19 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 08:19 AM (IST)
High Court News: हाईकोर्ट ने कहा- अब DRDA में मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति संभव
High Court News: पांच साल पुराने फैसले को पूर्ण पीठ ने पलटा।

लखनऊ, जेएनएन। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) को  भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत राज्य सरकार अंग माना है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि डीआरडीए के कर्मचारी भी राज्य सरकार के ही कर्मी हैं लिहाजा उनके आश्रितों को मृतक आश्रित नियमावली का लाभ दिया जा सकता है।

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यह निर्णय जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस सीडी सिंह और जस्टिस मनीष माथुर की फुल बेंच ने कुमारी कल्याणी मेहरोत्रा की याचिका पर पारित किया। फुल बेंच ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच के उस निर्णय को भी पलट दिया जिसमें डीआरडीए के कर्मचारियों पर मृतक आश्रित नियमावली के लागू न होने की बात कही गई थी। 

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सभी डीआरडीए को सोसायटी के तौर पर सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत कराया गया है, इसीलिए इसके कर्मचारियों पर मृतक आश्रित नियमावली लागू नहीं होती। हालांकि कोर्ट ने पाया कि 17 मार्च 1994 के एक शासनादेश में यह प्रविधान स्पष्ट तौर पर किया गया है कि जिला ग्राम्य विकास अभिकरणों में नियुक्त व्यक्ति ऐसे नियम, विनियम व आदेश से नियंत्रित होंगे जो सेवारत सरकारी कर्मचारियों पर सामान्यत: लागू होते हैं। 

कोर्ट ने अपने निर्णय में 18 जुलाई 2016 के उस महत्वपूर्ण शासनादेश का भी उल्लेख किया है जिसके जरिये राज्य के ग्राम्य विकास विभाग में सभी डीआरडीए कर्मचारियों को समाहित कर लिया गया। कोर्ट ने कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत डीआरडीए राज्य के अंग के तौर पर परिभाषित है। लिहाजा इसके कर्मचारियों पर अन्य सरकारी कर्मचारियों के भांति मृतक आश्रित नियमावली लागू होगी।


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