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कानून का मिला साथ तो तत्काल तीन तलाक के खिलाफ आगे आईं मुस्लिम महिलाएं, UP में अब तक 216 केस

यूपी के विभिन्न थानों में तत्काल तीन तलाक के 216 से अधिक मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। तत्काल तीन तलाक के इन मामलों में सबसे अधिक एफआइआर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दर्ज कराई गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 07:57 AM (IST)
कानून का मिला साथ तो तत्काल तीन तलाक के खिलाफ आगे आईं मुस्लिम महिलाएं, UP में अब तक 216 केस
कानून का मिला साथ तो तत्काल तीन तलाक के खिलाफ आगे आईं मुस्लिम महिलाएं, UP में अब तक 216 केस

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। तत्काल तीन तलाक पर कानून बनने के बाद अकेले उत्तर प्रदेश में ही नई तस्वीर सामने आ रही है। मुस्लिम महिलाओं ने मिली इस नई कानूनी ताकत का मुखर होकर प्रयोग करना भी शुरू कर दिया है। राज्य के विभिन्न थानों में अब तक तत्काल तीन तलाक के 216 से अधिक मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। तत्काल तीन तलाक के इन मामलों में सबसे अधिक एफआइआर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दर्ज कराई गई है।

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आंकड़े खुद गवाह हैं कि मुस्लिम महिलाएं घरेलू हिंसा व अत्याचार के खिलाफ मिली इस ताकत का भरपूर प्रयोग कर रही हैं। हालांकि, इन मामलों में अभी आरोपितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की रफ्तार सुस्त है।  एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एक से 21 अगस्त के बीच उत्तर प्रदेश में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम-2019 के तहत 216 एफआइआर दर्ज कराई गई है। इनमें सबसे अधिक शिकायतें दहेज प्रताड़ना व मारपीट को लेकर हैं। मेरठ में तत्काल तीन तलाक के सबसे अधिक 26 केस दर्ज हुए हैं, जबकि सहारनपुर में 17 व शामली में 10 एफआइआर दर्ज हुई है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ये तीनों शहर मुस्लिम बहुल वाले हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 10 मुकदमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दर्ज कराए गए हैं। बताया गया है कि दो-तीन मुकदमों में ही पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी की है। डीजीपी मुख्यालय स्तर से इन मामलों में की जा रही कार्रवाई की निगरानी भी कराई जा रही है।

सूबे के डीजीपी ओपी सिंह ने इस कानून का कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश दिया था। दो अगस्त को जारी निर्देश में डीजीपी ने कहा था कि सभी एडीजी, आइजी के अलावा जिलों के पुलिस अधिकारी इस नए कानून का अध्ययन करें व अधीनस्थों को भी विस्तार से जानकारी दें। उन्होंने इस बाबत कार्यशाला का भी आयोजन करने का निर्देश दिया था।


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