भाजपा विधायक ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र, कहा-शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति औचित्यहीन
विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा स्वास्थ्य सेवाओें को लेकर लिखे पत्र के बाद भाजपा के विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी की खुला पत्र चर्चा में है। द्विवेदी ने कोराेना महामारी चरम पर होने का जिक्र करते हुए मानव जीवन बचना बचाना मुश्किल बताया है।
लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। भाजपा के विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा निरस्त करने की मांग करते हुए वित्तविहीन स्कूलों की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कोरोना काल में स्कूलों में शिक्षकोें की शत-प्रतिशत उपस्थिति काे औचित्यहीन बताते हुए विशेष आर्थिक पैकेज भी मांगा है। विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा स्वास्थ्य सेवाओें को लेकर लिखे पत्र के बाद भाजपा के विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी की खुला पत्र चर्चा में है। द्विवेदी ने कोराेना महामारी चरम पर होने का जिक्र करते हुए मानव जीवन बचना बचाना मुश्किल बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में सीबीएसई बोर्ड का अनुसरण करते हुए यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा निरस्त की जाए।
द्विवेदी ने कहा कि परीक्षाएं आवश्यक हैं, लेकिन मानव जीवन बहुमूल्य है। उन्होंने इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए कोविड प्रकोप कम होने पर एक सेंटर पर 300 से अधिक परीक्षार्थी न करने के लिए कहा है। उनका सुझाव है कि परीक्षा में सेल्फ सेंटर की सुविधा दी जाए।
आनलॉइन पढाई शिक्षक घरों से कराएं : द्विवेदी ने मुख्यमंत्री द्वारा दिए 50 प्रतिशत कर्मचारियोें की उपस्थिति वाले आदेश का हवाला देते हुए कहा कि स्कूल बंद हैं, एडमिशन हुए नहीं तो स्कूलों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य करने का औचित्य नहीं है। स्ववित्त पोषित स्कूलों में शिक्षकों को न प्रबंधक वेतन दे रहे हैं और न ही सरकार वेतन दे रही है। ऐसे में शिक्षक भूखमरी के कगार पर पहुंच रहे हैं। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार को तत्काल आर्थिक पैकेज देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महामारी को देखते हुए शिक्षकों को आनलाइन शिक्षण घरों से कराने का आदेश जारी किया जाना चाहिए। द्विवेदी ने स्कूूल बसों के फिटनेस व बीमा आदि का दबाव बनाने पर भी एतराज जताया।