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Chaitra Navratri: लखनऊ में चौपटिया के संदोहन देवी मंदिर में ज्योति स्थापित कलश स्थापना के साथ लगे मां के जयकारे

वैदिक मंत्रोच्चारण से गुंजायमान वातावरण कलश पर आम के पल्लव के ऊपर जलती मां की ज्योति और सप्तशती का पाठ। कुछ ऐसा ही माहौल शहर के घरों में नजर आया। वासंतिक नवरात्र के अवसर पर मंदिरों में हुई ज्योति की स्थापना।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 10:31 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 10:31 AM (IST)
Chaitra Navratri: लखनऊ में चौपटिया के संदोहन देवी मंदिर में ज्योति स्थापित कलश स्थापना के साथ लगे मां के जयकारे
मां के गुणगान के साथ शुरू हुआ वासंतिक नवरात्र,मंदिरों में हुई ज्योति की स्थापना।

लखनऊ, जेएनएन। वैदिक मंत्रोच्चारण से गुंजायमान वातावरण, कलश पर आम के पल्लव के ऊपर जलती मां की ज्योति और सप्तशती का पाठ। कुछ ऐसा ही माहौल शहर के घरों में नजर आया। सूर्योदय से लेकर दोपहर बाद तक कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त होने के बावजूद श्रद्धालुओं ने सुबह 10 बजे तक कलश स्थापना कर पूजन शुरू कर दिया। मां के जयकारे के बीच परिवार के साथ सभी ने विधि विधान से मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का आह्वान किया। लकड़ी की चौकी पर कलश स्थापना के साथ ही मां की ज्योति जलाई गई। पुष्प और और मिष्ठान के साथ मां की पूजा-अर्चना की गई। लालरंग की चुनरी से जगमगाता मां का दरबार देखते ही बन रहा है। कोई मां की आरती गा रहा है तो कोई मां को भजनों का गुलदस्ता पेश कर रहा है। मां के आह्वान के साथ ही श्रद्धालुओं का उपवास भी शुरू हो गया हर दिन मां के स्वरूपों की पूजा की जाएगी।

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मां दुर्गा के मंदिरों में पुजारियों की ओर से मां की ज्योति की स्थापना की गई। संदोहन देवी मंदिर के अध्यक्ष केके मेहरोत्रा ने बताया कि सुबह ज्योति जलाकर पुजारियों ने मां का आह्वान किया। शास्त्रीनगर दुर्गा मंदिर के प्रबंधक राजेंद्र गोयल ने बताया कि ज्योति जलाकर कोरोना मुक्ति की कामना की गई। बड़ी व छोटी काली जी मंदिर, ठाकुरगंज के पूर्वी देवी मंदिर, संतोषी देवी मंदिर व शीतला देवी मंदिरों पर कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के अनुरूप दर्शन हुए।

सप्तशती का पाठ तो किसी ने गाए भजन: आशियाना निवासी पूजा मेहरोत्रा ने पति अमित और बच्चों के साथ विधि विधान से कलश स्थापना की और मां का आह्वान किया। प्रथम शैलपुत्री के मंत्र का भी जाप किया। कैलाशपुरी के डॉ.मृदुल श्रीवास्तव ने भी परिवार के साथ मां की वंदना की। गाेमतीनगर के अतुल पत्नी डॉ. वंदना साहू के साथ न केवल कलश स्थापना की बल्कि मां की आरती भी उतारी। सप्तशती के पाठ के साथ पूजा समाप्त की। डालीगंज की कविता ने फूलों से मां का दरबार सजाया और फिर मां की पूजा की। परिवार के साथ समाज की कुशलता की कामना भी की। मां के भजन भी गाए। शिक्षिकाका रत्ना श्रीवास्वत ने पूजन के साथ नारियल-बर्फी का भोग लगाया। बच्चों को भी सुबह की पूजा में बैठाया और शक्ति की आराधना के बारे में जानकारी दी। तेलीबाग की डॉ.अमिताभा यादव ने कलश स्थापना के साथ पाठ किया और ज्योति की स्थापना की।

सूर्य देव की पहली किरण की पूजा: भारतीय नव वर्ष की शुरुआत का पहला दिन होने की वजह से श्रद्धालुओं ने सूर्य की पहली किरण की पूजा कर गंगा से अर्घ्य दिया। श्री शुभ संस्कार समिति के माहमंत्री ऋिद्ध किशोर गौड़ ने बताया कि छत पूजा अर्चना का नए साल का स्वागत किया गया। चैती महोत्सव के संयोजक आदित्य द्धिवेदी ने बताया कि घरों में पूजन कर नए साल पर सूर्य देव की उपासना की। कलश स्थापना के साथ हर दिन पाठ होगा। नवमी पर हवन किया जाएगा। पं.शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को वर्ष प्रतिपदा कहा गया है। यह भारतीय कालगणना का प्रथम दिन है। इसी दिन से भारतीय विक्रमी नववर्ष की शुरुआत होती है। मंगलवार से विक्रमी संवत-2078 की शुरुआत हुई। पहला दिन मंगल होने की वजह से इसका राजा मंगल होगा ।


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