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International Women's Day: इनके आगे महामारी ने भी टेके घुटने, जान पर खेल की जरूरतमंदों की मदद

International Womens Day कोरोना काल में जब सब कुछ ठप हो गया। चारों तरफ से मदद की गुहार गूंजने लगी। ऐसे मुश्किल वक्त में हर किसी की मदद करने का जज्बा हमें महिलाओं में खूब देखने को मिला। स्त्री शक्ति ने कोरोना रोकथाम की ड्यूटी करने में दोहरी जिम्मेदारी निभाई।

By Rafiya NazEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 10:42 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 01:33 PM (IST)
International Women's Day: इनके आगे महामारी ने भी टेके घुटने, जान पर खेल की जरूरतमंदों की मदद
International Women's Day: लखनऊ की इन महिलाओं ने कोरोना काल में भी लोगों तक पहुंचाई मदद।

लखनऊ, जेएनएन। International Women's Day:  कोरोना काल में जब सब कुछ ठप हो गया। चारों तरफ से मदद की गुहार गूंजने लगी। ऐसे मुश्किल वक्त में हर किसी की मदद करने का जज्बा हमें महिलाओं में खूब देखने को मिला। स्त्री शक्ति ने कोरोना रोकथाम की ड्यूटी करने में दोहरी जिम्मेदारी निभाई। वह कोरोना से डरी नहीं, बल्कि कदम से कदम मिलाते हुए उन इलाकों तक पहुंचीं, जिसे हाटस्पाट घोषित किया गया था। ऐसी महिलाएं और युवतियां भी सड़कों पर दिखीं, जो खुद की सुरक्षा छोड़कर जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने का काम कर रहीं थीं। महिला दिवस के मौके पर हम नारी शक्ति के उस जीवट रूप को नमन करते हैं।  

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रात-दिन एक कर तैयार किए मास्क  

कानपुर रोड निवासी वीना ने रात-दिन एक कर मास्क तैयार किए। वीना ने अपने क्षेत्र के हर एक घर, अस्पताल और जितने लोगों तक वह पहुंच सकीं, सभी को मास्क वितरित कर सुरक्षित रहने का संदेश दिया। कोरोना काल में वीना ने हजारों मास्क खुद बनाए और बांटे। वीना आज भी उसी शिद्दत से मास्क तैयार करने और लोगों तक जरूरत का सामान पहुंचाने में लगी रहती हैं। 

जरूरतमंदों के लिए तैयार किया भोजन 

लोकबंधु अस्पताल परिसर स्थित आशा ज्योति केंद्र की अधीक्षिका अर्चना सिंह ने शोषित महिलाओं, युवतियों और बच्चियों को न्याय तो दिलाया ही, साथ ही कोरोना काल में भी एक योद्धा की तरह जुटी रहीं। लाकडाउन में जब लोग घरों में कैद थे तो वह अपनी कालोनी में रहने वाली महिलाओं के साथ मिलकर जरूरतमंदों के लिए किचन में खाना तैयार करती थीं। उन्होंने पूरे शहर में महिलाओं के साथ मिलकर जरूरतमंदों के लिए भोजन वितरित किया। 

फिक्की फ्लो की महिलाएं भी रहीं आगे 

कोरोना काल में जरूरतमंदों की मदद के लिए फिक्की फ्लो की महिलाएं भी किसी से कम नहीं रहीं। प्रदेशभर में जहां-जहां से मदद की अपील आई, वहां तक फिक्की फ्लो द्वारा सहायता पहुंचाई गई। इन सबके बीच पुलिसकर्मियों को भी फेस शील्ड और मास्क का वितरण किया गया। फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर की अध्यक्ष पूजा गर्ग और वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरुषि टंडन अपनी टीम के साथ लोगों की मदद के लिए जुटी रहीं। 

खुद की चिंता छोड़ निभाया फर्ज 

कोरोना काल में महिला पुलिस ने हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया। खुद की चिंता किए बगैर महिला पुलिस लोगों की सेवा में जुटी रही। इनमें से एक है एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव। एक तरफ जहां लोग कोरोना संक्रमण की वजह से घरों में कैद थे वहीं, दूसरी ओर श्वेता सुबह से लेकर रात तक गरीबों व बेसहारा लोगों की मदद कर रही थीं। बाहर से आने वाले लोगों को श्वेता ने न केवल राशन बंटवाए, बल्कि उनके घर पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था भी करवाई। परिवार से खुद को अलग कर श्वेता अपने फर्ज को निभाती रहीं। 

कर्तव्य को रखा आगे

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुॢवज्ञान संस्थान में माइक्रोबायोलाजी की विभागाध्यक्ष डा. उज्ज्वला घोषाल ने कम समय में कोरोना जांच के लिए मार्च 2020 में बीएसएल 3 लैब की स्थापना कराई, जहां पर रोजाना जांच का दायरा 7,000 के पार तक पहुंचा दिया। लाकडाउन के दौरान उनके एक रिश्तेदार की मौत हो गई बावजूद उन्होंने अपने कर्तव्य को आगे रखा और अवकाश नहीं लिया। कोरोना काल में वह अपने बच्चों से भी नहीं मिल सकी। अब भी लगातार अपना फर्ज बगैर अतिरिक्त अवकाश लिए निभा रही हैं।

डीआरएम ने खुद तैयार की राशन किट 

कोरोना काल में डीआरएम डा. मोनिका अग्निहोत्री ने बढ़-चढ़कर जरूरतमंदों की मदद की। डीआरएम ने स्वयं राशन किट तैयार की, जिसमें तेल सहित जरूरी वस्तुएं भी थीं। इतना ही नहीं एक के बाद एक रेलकर्मी जब कोरोना की चपेट में आए तो उनको अस्पताल भिजवाकर घर पर परिवार की देखभाल के भी इंतजाम कराए।

तैयार किया रेलवे का पहला कोविड केयर सेंटर

यूपी में जब तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे थे। तब रेलवे ने भी इससे निपटने की तैयारी की। इनकी कमान संभाली उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. विश्वमोहिनी सिन्हा ने। डा. सिन्हा ने न केवल 200 से अधिक बोगियों को कोविड-19 के उपचार के लिए तैयार किया, बल्कि मंडल रेल अस्पताल को भी लेवल दो का कोविड केयर सेंटर बनाया। इस सेंटर में एक हजार से अधिक कोरोना रोगियों का उपचार हुआ, जिनमें सिर्फ एक मौत हुई। रेलवे बोर्ड ने इसे देश का सबसे अच्छा कोविड केयर सेंटर चुना।

जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार 

उद्यमी और समाजसेवी रेनूका टंडन ने कोरोना काल में लगातार तीन से चार महीने तक लखनऊ भर में जरूरतमंदों के लिए राशन किट का प्रबंध किया। करीब 300 बच्चों को दूध का दलिया उपलब्ध कराया। बेटियों को यूनिफार्म सिलाई की ट्रेनिंग भी दी। जगह-जगह जाकर लड़कियों और महिलाओं को सेनेट्री पैड बांटा। 

सहायता के लिए अभियान 

उप्र आदर्श व्यापार मंडल लखनऊ महिला इकाई की नगर अध्यक्ष अनीता अग्रवाल ने कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाया। पुलिसकर्मियों की सहायता से वह शहर भर में सहायता पहुंचाने में सफल रहीं। सैकड़ों लोगों को अपने साथ जोड़कर सहायता के इस अभियान को सफल किया।   

अपनी परवाह न कर मानव सेवा पर दिया ध्यान

उत्तर प्रदेश सूचना आयोग की कर्मचारी व गोमतीनगर निवासी अर्चना वर्मा ने कोरोना काल में गैर प्रांतों से अपने घर आ रहे प्रवासियों को भोजन आदि मुहैया कराया। लाकडाउन के दौरान अर्चना ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई की ठानी। एहतियात के साथ बाहर निकलतीं और जरूरतमंदों की मदद करतीं। उनके इस संकल्प से परिवारीजन प्रभावित न हो, इस बात का ध्यान रखकर उन्होंने अपने माता-पिता को गांव भेज दिया। अर्चना का मानना है मानव सेवा ही श्रेष्ठ कार्य है। 

कृषि की आय से वितरित कीं राशन और दवाएं

कोरोना काल के दौरान 68 वर्षीय सीतापुर रोड स्थित प्रियदर्शिनी कालोनी निवासी प्रेमा देवी ने कृषि कार्य से आने वाली सालाना आय और अपने पति रिटायर्ड टेलीफोन अधिकारी की पेंशन से लोगों को कोरोना काल में राशन और दवाएं वितरित कीं। यह क्रम लगातार जारी रहा। फैजुल्लागंज, केशवनगर और आसपास की झुग्गी बस्तियों में भी राशन वितरण जारी रखा।

जारी रखा भोजन वितरण 

डा. स्मृति ङ्क्षसह 25 वर्षों से महिला सशक्तीकरण लिए काम कर रही हैं। निदेशक आरोहिणी में सक्रिय हैं। कोरोना महामारी के समय भी वह पूरी तरह सक्रिय रहीं। इस दौरान उन्होंने उन्होंने जगह-जगह राशन वितरण का काम जारी रखा। भूखों को भोजन वितरित कराया। कोरोना काल में आमजन को लगातार मदद करती रहीं।

महिला दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम  

राजधानी के एक मॉल में नारी शक्ति को समर्पित महिला दिवस 2021 " बीइंग वोमेन " कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शहर की कई महिलाओं ने इस विशेष दिन को अपने प्रियजनों के साथ मनाया और खूब मस्ती कीं। कार्यक्रम में वोमेन ऑफ विजडम और समर्थ संस्था द्वारा द्वारा लेट्स टॉक- ऑन पीरियड के तहत सिग्नेचर कैंपेन और जनजागरूकता संदेश देने के लिए आयोजित किया गया। इसमें आम लोगों को प्रेरित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। संस्था के सचिव प्रवेश दिवेदी ने सभी प्रतिभागियों के आभार किया साथ ही इस मुहिम को 10000 महिलाओं तक ले जाने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की। 

महिला दिवस विशेष लाइव पेंटिंग में महिलाओं ने एक से बढ़ कर एक पेंटिंग बनाई। इन खूबसूरत पेंटिंग के माध्यम से समाज के अनेक रूप और उसकी महत्वता को बखूबी कलाकारों द्वारा दर्शाया गया। महिलाओं द्वारा " महिला दिवस " विषय पर बनाई इन पेंटिंग्स को लोगों ने खूब सराहा गया। साथ ही मॉल में आने वाली महिलाओं को आर्टिस्ट रवि कुमार द्वारा बनाई उनकी खूबसूरत स्केच को उपहार पूर्वक भेंट की गई।


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